tag:blogger.com,1999:blog-34246521533311868402024-03-06T05:53:18.223+05:30शब्द-साहित्यAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-313223504252548932016-03-30T20:40:00.001+05:302016-03-30T20:40:24.373+05:30हिन्दी तथा भारतीय भाषाओं को विज्ञान तथा तकनीकी क्षेत्र में विकसित करने के लिए सुनियोजित प्रयास की जरूरत- कृष्ण कुमार यादव<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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भूमण्डलीकरण के दौर में तकनीकी शब्दावली की अधिकाधिक आवश्यकता है। दुनिया में जापान, फ्रांस जैसे तमाम विकसित देश अपनी भाषा के माध्यम से तकनीक के सिरमौर बने हुए हैं, ऐसे में अपनी सभ्यता, विरासत और संस्कृति की अच्छी चीजों को सहेजकर ही विज्ञान को उन्नत बनाया जा सकता है और मौलिक चिन्तन व आविष्कार की स्वतंत्रता के लिए स्वयं की भाषा को ही वरीयता देना होगा। उक्त उद्गार चर्चित हिंदी लेखक व ब्लॉगर एवं राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली एवं हिंदी विभाग, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा एम. बी. एम. इंजीनियरिंग कॉलेज के इंटरनेशनल सभागार में 27 मार्च, 2016 को आयोजित ''उच्च शिक्षा में तकनीकी शब्दावली का प्रयोग'' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।</div>
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अपने सारगर्भित उद्बोधन में निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि भूमण्डलीकरण, उदारीकरण, उन्नत प्रौद्योगिकी एवं सूचना-तकनीक के बढ़ते इस युग में यदि सबसे बड़ी चुनौती भाषा के लिए पैदा हुई है तो इसी चुनौती स्वरूप भाषाओं का विकास भी हुआ है। हिन्दी और अन्य भारतीय भाषायें उच्च शिक्षा का माध्यम न होने के कारण भाषा के स्वाभाविक विकास की प्रक्रिया से लम्बे समय तक दूर रहीं हैं। इसलिए हिन्दी तथा भारतीय भाषाओं को विज्ञान तथा तकनीकी क्षेत्र में विकसित करने के लिए सुनियोजित प्रयास की जरूरत है।</div>
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श्री यादव ने कहा कि हमारे देश के पास प्राचीन समय से ही अपार सम्पदा के रूप में शब्दावली मौजूद है उसको सुरक्षित और संरक्षित रखने की आवश्यकता है। विदेशी भाषा का ज्ञान रखना जो लोग शान समझते है उन्हें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए क्योंकि भाषा हमारे मूल्यों, परम्पराओं और संस्कृति का संरक्षण करती है। निज भाषा में इनका संरक्षण संभव है। अपने महान ग्रंथों से मोती चुनकर, दुनिया की तमाम भाषाओँ में लिखे जा रहे शोधकार्यों को अपनी मातृभाषा में अनुवादित कर, विज्ञानं और प्रौद्योगिकी को सहज रूप में अपनी मातृभाषा के माध्यम से लोगों में विस्तारित करके, उच्च शिक्षा में अपनी भाषा में मौलिक शोधों को बढ़ावा देकर और तकनीक को हौव्वा की बजाय दिनचर्या और नवाचार से जोड़कर इसे और भी समृद्ध बनाया जा सकता है। श्री यादव ने कहा कि आम आदमी की भाषा विज्ञान और तकनीक की भाषा से पृथक हो सकती है पर इसका तात्पर्य यह नहीं कि जनसामान्य की भाषा में विज्ञान और तकनीक की बातें नहीं समझाई जा सकतीं। बस जरूरत हमें अपनी सोच और कार्य प्रणाली बदलने की है। </div>
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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्रो. सुधि राजीव, अधिष्ठाता कला, शिक्षा एवं समाज विज्ञान संकाय,जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय , जोधपुर ने कहा कि भाषा मनुष्य होने का प्रमाणिक दस्तावेज है जो हमारी और हमारे राष्ट्र की पहचान कराती है। हर भाषा अपने व्यक्तित्व का स्वरूप होती है यह वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से पल्लवित और पोषित है। </div>
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgnXZOEHIh0fWcqQVYHfONuTO7qg4S0rvZvyUV9unChwkHk6aE0wPDIaiIGDspEYnkWmdHJugejIsazaiKHdoc6wtyAcyQZt9oV2_JcM6x59_H26GchFDjwLBD4rQeUHMNxeV7G7CtDOyA/s1600/Krishna+Kumar+Yadav-+Navodaya+Vidyalaya%252C+Azamgarh-Writer--KK+Yadav+Officer-Director+Postal+Services%252C++Rajasthan+addressing+Seminar-Commission+for+Scientific+Technical+Terminology%252C+New+Delhi-Jai+Narain+Vyas+University+Jodhpur.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="400" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgnXZOEHIh0fWcqQVYHfONuTO7qg4S0rvZvyUV9unChwkHk6aE0wPDIaiIGDspEYnkWmdHJugejIsazaiKHdoc6wtyAcyQZt9oV2_JcM6x59_H26GchFDjwLBD4rQeUHMNxeV7G7CtDOyA/s400/Krishna+Kumar+Yadav-+Navodaya+Vidyalaya%252C+Azamgarh-Writer--KK+Yadav+Officer-Director+Postal+Services%252C++Rajasthan+addressing+Seminar-Commission+for+Scientific+Technical+Terminology%252C+New+Delhi-Jai+Narain+Vyas+University+Jodhpur.jpg" width="287" /></a> सारस्वत वक्ता के रूप में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली के सहायक निदेशक इंजी. मोहन लाल मीना ने वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की कार्यप्रणाली व उसके उद्देश्यों के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि विज्ञान व तकनीकी विषयों में हिन्दी शब्दों का प्रयोग प्रारम्भ में कठिन प्रतीत होते है लेकिन सतत् प्रयोग से इन्हें आसानी से समझा व प्रयोग में लाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि विषय के विकास हेतु अनुकूल शब्दावली की आवश्यकता होती है। आयोग के ही जय सिंह रावत ने तकनीकी शब्दावली का प्रयोग के सरलीकरण पर प्रकाश डाला। </div>
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कार्यक्रम के प्रारम्भ में कार्यशाला के संयोजक प्रो. श्रवण कुमार मीना ने कार्यशाला की रूपरेखा बताते हुए समस्त अतिथियों का स्वागत किया तथा हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र कुमार सिंह गौतम ने धन्यवाद ज्ञापित किया संचालन डाॅ. कामिनी ओझा ने किया। इस दौरान विभिन्न प्रांतों से आए हुए वैज्ञानिक, शिक्षक गण, विद्व्त जन एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न वक्ताओं ने उच्च शिक्षा में तकनीकी शब्दावली के प्रयोग पर अपने विचार व्यक्त किये।<br />
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Ratnesh Kumar Mauryahttp://www.blogger.com/profile/04566249188947351052noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-4905354519588883592015-06-28T08:00:00.000+05:302015-06-28T08:00:00.843+05:30 ब्लॉगर-लेखिका आकांक्षा यादव “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान“ से सम्मानित<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjb0cq1vHCsMwTZimrl8JC5HRY1rDQuu5-XM7Xk-QAtKpJRDuY7cm4hUqD9z6zx9hzX82FZ652oxun-fb_L1hWrkT9mYjfGUgpEYNuJ_uw2aGd7VCH_HIwgyzPjfoPMq5zuBB82VnS2nhM/s1600/Akanksha+Yadav-Krishna+Kumar+Yadav-Blogger+Couple-Writer-Social+Media+Activist-International+Bloggers+Conference-Sri+Lanka-Parikalpna+SAARC+Summit+Award-Women+empowerment-Shabd+shikhar-Ravindra+Prabhat-Nakul.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="297" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjb0cq1vHCsMwTZimrl8JC5HRY1rDQuu5-XM7Xk-QAtKpJRDuY7cm4hUqD9z6zx9hzX82FZ652oxun-fb_L1hWrkT9mYjfGUgpEYNuJ_uw2aGd7VCH_HIwgyzPjfoPMq5zuBB82VnS2nhM/s400/Akanksha+Yadav-Krishna+Kumar+Yadav-Blogger+Couple-Writer-Social+Media+Activist-International+Bloggers+Conference-Sri+Lanka-Parikalpna+SAARC+Summit+Award-Women+empowerment-Shabd+shikhar-Ravindra+Prabhat-Nakul.jpg" width="400" /></a></div>
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अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, कोलोम्बो-श्री लंका में चर्चित ब्लॉगर-लेखिका आकांक्षा यादव को वर्ष 2015 के लिए सार्क देशों में दिए जाने वाले शीर्ष सम्मान “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान“ से सम्मानित किया गया। 25 मई 2015 को आयोजित इस पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में आकांक्षा यादव को श्रीलंका के वरिष्ठ नाट्यकर्मी डॉन सोमरथ्न विथाना एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री नकुल दूबे द्वारा अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 21000/- की धनराशि सम्मान स्वरुप प्रदान की गई । इस अवसर पर ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर आकांक्षा यादव ने प्रभावी व्याख्यान भी दिया। आकांक्षा यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव की पत्नी हैं, जो की स्वयं चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार हैं। उक्त जानकारी अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स कांफ्रेंस के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने दी।</div>
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संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने बताया कि आकांक्षा यादव ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लाॅगिंग को भी नये आयाम दिये। “शब्द-शिखर“ (http://shabdshikhar.blogspot.in) इनका प्रमुख ब्लॉग है, जो कि हिंदी के लोकप्रिय ब्लॉगों में गिना जाता है। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रुचि रखने वाली आकांक्षा यादव अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं और इनकी रचनाओं में नारी-सशक्तीकरण बखूबी झलकता है। इनके ब्लॉग को अब तक लाखों लोगों ने पढा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढा जाता है। </div>
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गौरतलब है कि आकांक्षा यादव को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इससे पूर्व भी ब्लॉगिंग हेतु तमाम प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा “अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान, नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में “परिकल्पना ब्लॉग विभूषण सम्मान“ से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डाॅ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली द्वारा मनोहरादेवी स्मृति सम्मान सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं ।</div>
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Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-32913271322529933692015-06-27T21:13:00.001+05:302015-06-27T21:13:56.041+05:30हिंदी ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया ने महिलाओं को दिया खुलकर अपनी बात रखने का व्यापक मंच <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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हिंदी ब्लॉगिंग ने महिलाओं को खुलकर अपनी बात रखने का व्यापक मंच दिया है। तभी तो ब्लाॅगिंग का दायरा परदे की ओट से बाहर निकल रहा है। इनमें प्रशासक, डाक्टर, इंजीनियर, अध्यापक, विद्यार्थी, पर्यावरणविद, वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, समाजसेवी, साहित्यकार, कलाकार, संस्कृतिकर्मी, रेडियो जाकी से लेकर सरकारी व कारपोरेट जगत तक की महिलाएं शामिल हैं। कामकाजी महिलाओं के साथ-साथ गृहिणियां भी इसमें खूब हाथ आजमा रही हैं। महिलाओं में हिन्दी ब्लागिंग आरम्भ करने का श्रेय इन्दौर की पद्मजा को है, जिन्होंने वर्ष 2003 में ‘कही अनकही‘ ब्लाग के माध्यम से इसकी शुरूआत की। पद्मजा उस समय ‘वेब दुनिया‘ में कार्यरत थीं। उक्त उद्गार चर्चित हिंदी ब्लॉगर लेखिका आकांक्षा यादव ने कोलम्बो (श्री लंका) के कॉनकॉर्ड ग्रैंड होटल में 25 मई, 2015 को हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में "हिंदी ब्लॉगिंग की समृद्धि में महिलाओं का योगदान" विषय पर आयोजित परिचर्चा में व्यक्त किये। </div>
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परिचर्चा में विषय-प्रवर्तन करते हुए आकांक्षा यादव ने कहा कि 21वीं सदी नारी-सशक्तिकरण की है, बेटियों की है। हर क्षेत्र में नारियाँ बुलंदियों को छू रही हैं, नए आयाम गढ़ रही हैं, फिर भला ब्लॉगिंग का क्षेत्र कैसे अछूता रह जाता। आज एक चौथाई से ज्यादा हिंदी ब्लॉग महिलाओं द्वारा संचालित हैं। आज की महिला यदि संस्कारों और परिवार की बात करती है तो अपने हक के लिए लड़ना भी जानती है। ऐसे में नारियों के ब्लॉग पर स्त्री की कोमल भावनाएं हैं तो दहेज, भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, आनर किलिंग, सार्वजनिक जगहों पर यौन उत्पीड़न, लिव-इन-रिलेशनशिप, महिला आरक्षण, सेना में महिलाओं के लिए कमीशन, न्यायपालिका में महिला न्यायधीशों की अनदेखी, फिल्मों-विज्ञापनों इत्यादि में स़्त्री को एक ‘आबजेक्ट‘ के रूप में पेश करना, साहित्य में नारी विमर्श के नाम पर देह-विमर्श का बढ़ता षडयंत्र, नारी द्वारा रुढि़यों की जकड़बदी को तोड़ आगे बढ़ना....जैसे तमाम विषयों के बहाने स्त्री के ‘स्व‘ और ‘अस्मिता‘ को तलाशता व्यापक स्पेस भी है। साहित्य की विभिन्न विधाओं से लेकर प्रायः हर विषय पर सशक्त लेखन और संवाद स्थापित करती महिला हिंदी ब्लागर, ब्लागिंग जगत में काफी प्रभावी हैं। आकांक्षा यादव ने जोर देकर कहा कि आज ब्लॉग स्त्री आन्दोलन, स्त्री विमर्श, महिला सशक्तिकरण और नारी स्वातंत्र्य के हथियार के रूप में भी उभरकर सामने आया है। यहाँ महिला की उपलब्धि भी है, कमजोरी भी और बदलते दौर में उसकी बदलती भूमिका भी। </div>
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इस अवसर पर लखनऊ से प्रकाशित रेवांत पत्रिका की संपादक डॉ. अनीता श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाएँ ब्लॉगिंग के क्षेत्र में मुखरता के साथ लिख रही हैं और वे पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ रही हैं | हिन्दी ब्लागिंग में महिलाओं की सक्रियता सिर्फ भारत तक ही नहीं बल्कि विदेशों तक विस्तारित है। कवयित्री और ब्लॉगर सुनीता प्रेम यादव (औरंगाबाद) ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भारत ही नहीं दुनिया के हर कोने में महिलाओं द्वारा हिंदी में बड़ी सक्रियता से साथ ब्लॉग लिखे जा रहे हैं। उन्होंने ब्लॉगिंग और हिंदी साहित्य को जोड़ते हुए यह भी चेताया कि आज मूल्य आधारित लेखन की जरूरत है, जिसके अभाव में ब्लॉगिंग अपनी प्रासंगिकता खो देगा। रायपुर (छतीसगढ़) से आयी डॉ. उर्मिला शुक्ल ने ब्लॉगिंग और सोशल मिडिया की विसंगतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम हजारों मील दूर बैठे मित्रों से तो बात कर लेते है किन्तु अपने घर बैठे सदस्यों से संवाद नहीं स्थापित कर पाते |</div>
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डॉ अर्चना श्रीवास्तव, (प्राचार्य, स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चंदौली) ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि हर महिला-ब्लागर का अपना अनूठा अंदाज है, अपनी विशिष्ट प्रस्तुति है। ब्लागिंग में हर क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं अपनी अभिव्यक्तियों को विस्तार दे रही हैं, अतः इनका दायरा भी व्यापक है। आज महिलाएँ हर विधा मसलन कविता, कहानी, लघुकथा, संस्मरण, यात्रा-वृतांत, आप-बीती, निबंध इत्यादि में लिख रही हैं। इन ब्लॉगों की श्रेणियाँ भी विवध हैं और सन्दर्भ विषय भी राजनैतिक, सामाजिक, साहित्यिक आदि सभी को समेटे हुए हैं। </div>
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Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-5885779923849796072015-01-26T00:31:00.001+05:302015-01-26T00:31:07.223+05:30भूटान में हुए हिंदी ब्लॉगर सम्मानित : कृष्ण कुमार यादव को “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान’’ <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<span style="text-align: justify;">चर्चित ब्लाॅगर व साहित्यकार एवं सम्प्रति इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव को हिंदी साहित्य और ब्लाॅग पर संस्मरणात्मक सृजन के लिए 15-18 जनवरी 2015 के दौरान भूटान की राजधानी थिम्पू में आयोजित चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में ब्लाॅगिंग हेतु सर्वोच्च “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान’’ से सम्मानित किया गया। श्री यादव को उक्त सम्मान भूटान चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के जनरल सेक्रेटरी श्री फूप श्रृंग एवं इंटरनेशनल स्कूल ऑफ भूटान तथा सार्क समिति ऑफ विमेन ऑर्गनाइजेशन की अध्यक्ष श्रीमती थिनले लम्हा द्वारा दिया गया। सम्मान के तहत 25,000 रूपये की धनराशि, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, श्रीफल और अंगवस्त्रम देकर श्री कृष्ण कुमार यादव को सम्मानित किया गया। उक्त जानकारी सम्मलेन के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने दी। </span></div>
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राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ 7 पुस्तकों के लेखक एवं हिन्दी ब्लाॅगिंग व सोशल मीडिया को नये आयाम देनेवाले श्री कृष्ण कुमार यादव को इससे पूर्व भी शताधिक प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। श्री यादव ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया। कृष्ण कुमार यादव के दो व्यक्तिगत ब्लॉग हैं। इनमें “शब्द सृजन की ओर“ (http://kkyadav.blogspot.com) ब्लॉग सामयिक विषयों, मर्मस्पर्शी कविताओं व जानकारीपरक, शोधपूर्ण आलेखों से परिपूर्ण है; वहीं “डाकिया डाक लाया“ (http://dakbabu.blogspot.com) डाक सेवाओं की रोचक दुनिया को सहेजता है। इन ब्लॉग को अब तक लाखों लोगों ने पढ़ा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढ़ा जाता है।</div>
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गौरतलब है कि श्री कृष्ण कुमार यादव यादव सिर्फ व्यक्तिशः नहीं बल्कि सपरिवार ब्लाॅगिंग के क्षेत्र में सशक्त दखल रखते हैं। उनकी सुपुत्री अक्षिता (पाखी) को जहाँ भारत सरकार द्वारा ब्लाॅगिंग के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, वहीं पत्नी आकांक्षा यादव भी अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं। यादव दम्पति को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा “अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में सपत्नीक “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान एवं नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में भी सम्मानित किया जा चुका है। </div>
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सम्मेलन के दौरान वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में हिन्दी के पठन-पाठ्न, हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका इत्यादि विषयों पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव श्री फूब शृंग ने कहा कि भूमण्डलीकरण के इस दौर में विभिन्न देशों के साहित्य, संस्कृति एवं परिवेश को ब्लागिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से न सिर्फ महसूस किया जा सकता है बल्कि उसे विस्तार भी दिया जा सकता है। उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रपति की हालिया भूटान यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन को भी उसी कड़ी में देखने की जरूरत है। सार्क समिति के महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती थिनले ल्हाम ने कहा कि नारी सशक्तीकरण पर आज विश्व भर में चर्चा हो रही है और ऐसे में सार्क देशों में ब्लागिंग से जुडी तमाम महिलाओं को देखना एक सुखद एहसास देता है। </div>
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इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ और ब्लॉगर श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ब्लॉगिंग न सिर्फ देशों और भाषाओं के बीच दूरियाॅं कम करती है बल्कि यह विभिन्न प्लेटफार्म पर काम कर रहे लोगों के विचारों को एकाकार रूप में देखने की सहूलियत भी देती है । ब्लागिंग व सोशल मीडिया के समाजिक सरोकारों पर चर्चा करते हुए इसे उन्होंने दूर दराज के इलाकों तक भी जोडने की बात कही। असम विश्वविद्यालय सिल्चर के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय ने कहा कि हिन्दी को समृद्ध करने में ब्लागिंग का महत्वपूर्ण योगदान है और इसके माध्यम से दुनिया भर के लोग हिन्दी से जुड रहे हैं। वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने अपने उद्बोधन में हिंदी ब्लॉगिंग के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए इसे पुस्तकाकार रूप में भी लिपिबद्ध करने की बात कही। </div>
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सम्मेलन के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मलेन आयोजित करने के पीछे उद्देश्य हिंदी संस्कृति को भूटानी संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन का मूल उद्देश्य दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना है। </div>
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‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन‘‘ के दौरान उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से ब्लॉगर और साहित्यकार एवं निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव, हैदराबाद की सम्पत देवी मुरारका और रायपुर छतीसगढ़ के ललित शर्मा को सर्वोच्च 'परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान' से नवाजा गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें 25,000 की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। साथ ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद की अनुवादक सुनीता प्रेम यादव को परिकल्पना सार्क सम्मान प्रदान किया गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें पाँच हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के जनपदों मसलन सुल्तानपुर के डॉ राम बहादुर मिश्र को परिकल्पना साहित्य भूषण सम्मान, बाराबंकी के एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन व डॉ विनय दास को क्रमशः परिकल्पना सोशल मीडिया सम्मान और परिकल्पना कथा सम्मान, लखनऊ की कुसुम वर्मा को परिकल्पना लोक-संस्कृति सम्मान, बहराइच के डॉ अशोक गुलशन को परिकल्पना हिन्दी गौरव सम्मान, रायबरेली से सूर्य प्रसाद शर्मा को परिकल्पना साहित्य सम्मान तथा हैदरगढ के ओम प्रकाश जयंत व विष्णु कुमार शर्मा को क्रमशः को परिकल्पना साहित्य श्री सम्मान व परिकल्पना सृजन श्री सम्मान तथा उन्नाव के विश्वंभरनाथ अवस्थी को परिकल्पना नागरिक सम्मान प्रदान किए गए। इसके अलावा इंदौर के प्रकाश हिन्दुस्तानी, रायपुर के गिरीश पंकज, अल्पना देशपांडे, अदिति देशपांडे, दिल्ली की सर्जना शर्मा और निशा सिंह, मुंबई से आलोक भारद्वाज, सिल्चर की डॉ शुभदा पाण्डेय आदि के साथ-साथ देश-विदेश के लगभग तीस ब्लॉगर्स को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए परिकल्पना सम्मान से नवाजा गया। </div>
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इस अवसर पर पांच पुस्तकों क्रमशः संपत देवी मुरारका की यात्रा वृत्त तृतीय भाग, कुसुम वर्मा की ह्रदय कँवल, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर की संघर्षों का खेल, विष्णु कुमार शर्मा की दोहावली, अशोक गुलशन की क्या कहूँ किससे कहूँ और परिकल्पना समय पत्रिका के जनवरी अंक के विमोचन के साथ-साथ परिकल्पना कोश वेबसाईट का लोकार्पण हुआ, वहीं रायपुर छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण संपन्न हुआ। इस अवसर पर कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों की खुशबू में नहाई भूटान की एक शाम। डॉ राम बहादुर मिश्र के कुशल संचालन में सुर सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या और ब्लॉग पर हाशिए का समाज परिचर्चा में शामिल हुए भारत और भूटान के एक दर्जन से ज्यादा ब्लोगर्स। कार्यक्रम का संचालन महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी श्रीमती सुनीता प्रेम यादव ने किया।</div>
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgO1aq7scOS9xeHXeVDCKAjKMmSHlg2hwun_avkxpoyY0X7lsx8aeLH9a8gEPnhMQEtSQpq_5JYJB8By_GfXBAHOfcm4TgtkrBgtxUbqlDDznB4wQe33pA4GV7j9nfJtkAshanovs_d8ew/s1600/Krishna+Kumar+Yadav,+Director+Postal+Services,+Allahabad-Blogger-Social+media+Activist-Prayag+Press+Club-Hindustani+Academy,+Allahabad-2.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgO1aq7scOS9xeHXeVDCKAjKMmSHlg2hwun_avkxpoyY0X7lsx8aeLH9a8gEPnhMQEtSQpq_5JYJB8By_GfXBAHOfcm4TgtkrBgtxUbqlDDznB4wQe33pA4GV7j9nfJtkAshanovs_d8ew/s1600/Krishna+Kumar+Yadav,+Director+Postal+Services,+Allahabad-Blogger-Social+media+Activist-Prayag+Press+Club-Hindustani+Academy,+Allahabad-2.jpg" height="213" width="320" /></a></div>
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पत्रकार लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ के पहरुए हैं और उनकी सुरक्षा बेहद जरुरी है। यह एक अजीब संयोग है कि जो पत्रकार लोगों की आवाज़ उठाते हैं, अपने ही मामले में शांत रह जाते हैं। उक्त उद्गार हिंदुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद में 14 मई, 2014 को 'प्रयाग प्रेस क्लब’ एवं 'उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा)' के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं एवं चर्चित साहित्यकार व् सोशल मीडिया एक्टिविस्ट श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किया। श्री यादव ने कहा कि प्रयाग प्रेस क्लब ने जिस कार्य के लिए इस संगठन का गठन किया है, वह बहुत ही सराहनीय कार्य है। आज पत्रकारों की सबसे अहम समस्या आवास की है और ऐसे पत्रकारों को आवास उपलब्ध कराने का जो बीड़ा प्रयाग प्रेस क्लब ने उठाया है, वह काबिलेतारीफ है। इस अवसर पर प्रयाग प्रेस क्लब’ की तरफ से अध्यक्ष श्री पवन कुमार द्विवेदी ने श्री कृष्ण कुमार यादव का माल्यापर्ण द्वारा एवं शाल ओढ़ाकर सम्मान भी किया। कार्यक्रम के दौरान इलाहाबाद परिक्षे़त्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने शहर के कई वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया । </div>
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प्रयाग प्रेस क्लब के अध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी और महामंत्री भूपेश सिंह ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव के अलावा वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार आनन्द नारायण शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार के सी मौर्या, नचिकेता नारायण, संजय कुमार को माल्यार्पण कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। </div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3YcB1q52D3CEJz88N4nErFSn_D5mJscIUypDJgtUct8njQhOJPcq_xOtB4q8YqK-UsWd6iUhBAB05P7dXNqeIqswwzSpYgiV1BpHaKl45KnkWkxkTpkqGmj_g-YVte9hRhNOAx_wDxTs/s1600/Krishna+Kumar+Yadav,+Director+Postal+Services,+Allahabad-Blogger-Social+media+Activist-Prayag+Press+Club-Hindustani+Academy,+Allahabad-9.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3YcB1q52D3CEJz88N4nErFSn_D5mJscIUypDJgtUct8njQhOJPcq_xOtB4q8YqK-UsWd6iUhBAB05P7dXNqeIqswwzSpYgiV1BpHaKl45KnkWkxkTpkqGmj_g-YVte9hRhNOAx_wDxTs/s1600/Krishna+Kumar+Yadav,+Director+Postal+Services,+Allahabad-Blogger-Social+media+Activist-Prayag+Press+Club-Hindustani+Academy,+Allahabad-9.jpg" height="266" width="400" /></a></div>
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<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार शुक्ला ने कहा कि आज पत्रकारों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है, प्रयाग प्रेस क्लब की ओर से पत्रकारों का जो दुर्घटना बीमा कराया गया है, वह वास्तव में संगठन का सराहनीय कार्य है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार आनन्द नारायण शुक्ला, के सी मौर्या, नचिकेता नारायण ने कहा कि यह ऐसा पहला पत्रकार संगठन है, जिसने पत्रकारों के हित के बारे में सोचा है। प्रयाग प्रेस कलब के अध्यक्ष, महामंत्री समेत सभी पदाधिकारी इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। प्रयाग प्रेस क्लब के अध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी ने नवगठित प्रयाग प्रेस क्लब के बारे में बताते हुए आगामी योजनाओं की घोषणा की। </div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
मुख्य अतिथि इलाहाबाद परिक्षे़त्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस मौके पर तमाम पत्रकारों और फोटो जर्नलिस्ट्स को बीमा बांड वितरित किया। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के हाथों बीमा बांड ग्रहण करने वालों में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश मिश्रा, पवन कुमार द्विवेदी, भूपेश सिंह, कुन्दन श्रीवास्तव, संजय कुमार, संदीप कुमार दुबे, सूर्य प्रकाश त्रिपाठी, वरिष्ठ छायाकार विभु गुप्ता, रंजन मिश्रा, नवीन सारस्वत, अनुराग शुक्ला, जितेन्द्र प्रकाश, भीम सिंह यादव, अनूप रावत, सत्यम श्रीवास्तव, दिलीप गुप्ता, विनोद कुमार, पत्रकार नागेन्द्र सिंह, अंजनी श्रीवास्तव, विद्याकांत मिश्रा, मनीष द्विवेदी, अमरदीप चौधरी, संतोष जायसवाल, वीरेन्द्र द्विवेदी, अनुराग तिवारी, गौरव केशरवानी, चन्द्रशेखर सेन, देवेन्द्र त्रिपाठी, संतोष तिवारी, सलीम अहमद, प्रदीप गुप्ता, रोहित शर्मा, अमरजीत सिंह, इरफान खान समेत 151 पत्रकार शामिल हैं। वहीं इस मौके पर अतिथियों को उपजा द्वारा प्रकाशित डायरेक्टरी भी वितरित की गयी। समारोह का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनीष द्विवेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी ने किया। </div>
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<br /></div>
</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-67722711128065368452013-10-24T19:51:00.003+05:302013-10-24T19:51:55.239+05:30नवोदय विद्यालय समिति द्वारा आयोजित ”प्रज्ञानम-2013” में छात्र-छात्राओं ने किया प्रतिभा का प्रदर्शन<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh_DFt2JtK7-P0mr03JLjPAboQ8XalT3DnYuAJSYY6wJnPRVjGX2j2Xt-k5exzr7WZDPFCKmJCpajx43-mlWAjKmbAjWBEOYvWmhzWRjqtghovoDYb7vlWr8J8RcYRXuq34E7YfSu6TZ9Q/s1600/Krishna+Kumar+Yadav-KK+Yadav-Director+Postal+Services-Award-Jawahar+Navodaya+Vidyalaya-1.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="300" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh_DFt2JtK7-P0mr03JLjPAboQ8XalT3DnYuAJSYY6wJnPRVjGX2j2Xt-k5exzr7WZDPFCKmJCpajx43-mlWAjKmbAjWBEOYvWmhzWRjqtghovoDYb7vlWr8J8RcYRXuq34E7YfSu6TZ9Q/s400/Krishna+Kumar+Yadav-KK+Yadav-Director+Postal+Services-Award-Jawahar+Navodaya+Vidyalaya-1.jpg" width="400" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
शिक्षा साहित्य, कला और संस्कृति किसी भी राष्ट्र को अग्रगामी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। ऐसे में जरुरत है कि युवा पीढ़ी इनसे अपने को जोड़े और राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान स्थापित करे। उक्त उद्गार इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने नवोदय विद्यालय समिति, लखनऊ सम्भाग द्वारा 21 अक्टूबर 2013 को लखनऊ में गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी के प्रेक्षागार में आयोजित ”प्रज्ञानम-2013” में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि किताबी शिक्षा को व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ना बहुत जरूरी है और इसके लिए जरूरी है अभिरुचियाँ विकसित की जाये।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
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नवोदय विद्यालय समिति द्वारा आयोजित ”प्रज्ञानम-2013” कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने सृजनात्मक और रचनात्मक प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रज्ञानम में छात्र-छात्राओं की एक से बढ़कर एक प्रतिभा उभरकर सामने आयी। जहां एक ओर छात्राओं ने मंच पर आकर्षण नृत्य प्रस्तुत कर ’प्रज्ञानम-2013’ को यादगार बनाया, वहीं अपने हाथों से बनायी मूर्तियों, फ्लावर पाट एवं अन्य सजावटी समानों से शिल्पकारी का भी बखूबी परिचय दिया। इसके अलावा छात्र-छात्राओं ने कविता पाठ, वाद-विवाद, गायन, वादन, निबंध लेखन, आन द स्पाट पेंटिंग जैसी अन्य कलात्मक प्रतियोगिताओं में भी जमकर हाथ आजमाया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 19 जवाहर नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को अगले महीने दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलेगा। </div>
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<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
इस अवसर पर नवोदय विद्यालय समिति, लखनऊ संभाग द्वारा आयोजित चित्र प्रदर्शनी का फीता काटकर इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं, कृष्ण कुमार यादव ने उद्घाटन किया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। इससे पूर्व श्री यादव ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर ’प्रज्ञानम-2013’ कार्यक्रम का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। गौरतलब है कि कृष्ण कुमार यादव जवाहर नवोदय विद्यालय, जीयनपुर-आज़मगढ़ के पूर्व छात्र रहे हैं, ऐसे में उनकी उपस्थिति प्रेरणास्पद रही। </div>
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<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
नवोदय विद्यालय समिति, लखनऊ सम्भाग की ओर से इस अवसर पर इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं, कृष्ण कुमार यादव को सम्मानित किया गया। सम्मान प्रदान करते हुए नवोदय विद्यालय समिति, लखनऊ सम्भाग के उपायुक्त श्री अशोक कुमार शुक्ला ने कहा कि बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न कृष्ण कुमार यादव जवाहर नवोदय विद्यालय से सिविल सेवाओं में सफल होने वाले प्रथम व्यक्ति हैं, वहीं प्रशासन के साथ-साथ अपनी साहित्यिक व लेखन अभिरुचियों के चलते भी उन्होंने कई उपलब्धियाँ अपने खाते में दर्ज की हैं । उन्होंने श्री यादव को तमाम विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया और इस बात पर हर्ष जताया कि मुख्य अतिथि के रूप में नवोदय के ही एक पूर्व विद्यार्थी को पाकर हम सब अभिभूत हैं । इस अवसर पर श्री यादव ने जहाँ नवोदय में बिताए गए दिनों को लोगों के साथ साझा किया, वहीं जीवन में प्रगति के लिए विद्यार्थियों को तमाम टिप्स भी दिए।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
इस अवसर पर नवोदय विद्यालय समिति, लखनऊ सम्भाग के उपायुक्त श्री अशोक कुमार शुक्ला ने कहा कि प्रज्ञानम के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सशक्त सांस्कृतिक, तत्वपूर्ण एवं मूल्यपरक शिक्षा पर्यावरण और शारीरिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा प्रदान करना ध्येय है। कार्यक्रम का संचालन जवाहर नवोदय विद्यालय, फिरोजाबाद की प्रधानाचार्या श्रीमती सुमनलता द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर तमाम विद्यालयों के प्रधानाचार्य, अध्यापकगण, शिक्षाविद, इत्यादि मौजूद थे। </div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
(पंकज मौर्य, सी-4 पोस्टल स्टाफ कालोनी, एल्गिन रोड इलाहाबाद-211001)</div>
</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-81638916262497566982013-08-16T12:25:00.004+05:302013-08-16T12:27:58.864+05:30समाज व परिवेश को प्रतिबिंबित करती है फोटोग्राफी-कृष्ण कुमार यादव<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgSMFjHPd3oIDjSf0xDC-CfQxDn6lImYLmTorfsZwYHU7OoM4JLhYW7Jaa0Ww4V2lVbr29HA2tsC3NRvTQ5IknEjGs_v7AIm4-vk8__Biw33GZ5DVUoCHIpQbEZKJ6WGiLOOkxmkCXTE0g/s1600/Krishna+Kumar+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-.JPG" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="266" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgSMFjHPd3oIDjSf0xDC-CfQxDn6lImYLmTorfsZwYHU7OoM4JLhYW7Jaa0Ww4V2lVbr29HA2tsC3NRvTQ5IknEjGs_v7AIm4-vk8__Biw33GZ5DVUoCHIpQbEZKJ6WGiLOOkxmkCXTE0g/s400/Krishna+Kumar+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-.JPG" width="400" /></a></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">श्री
गंगा कल्याण समिति की ओर से दो दिवसीय नौवीं अखिल भारतीय लक्ष्मी छायाचित्र
प्रदर्शनी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के निराला आर्ट गैलरी में </span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">12 </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">अगस्त को </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">शुरू हुई। प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य
अतिथि के रूप में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवायें</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">कृष्ण
कुमार यादव ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद
कहा कि इस तरह की छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए। इससे
युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि फोटोग्राफी एक
विधा के साथ-साथ हमारे समाज और परिवेश का प्रतिबिंब भी है। मात्र आड़ी तिरछी
लाइनें खींचनी ही फोटोग्राफी नहीं हैं बल्कि उसका यथार्थ भी निकलना चाहिए।</span><span style="font-size: 13.5pt;"><o:p></o:p></span></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<br /></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">विशिष्ट
अतिथि जिलाधिकारी राजशेखर ने फोटो प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी
छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन होना चाहिए जिससे कि कुछ नयापन लोगों को देखने को
मिले। उन्होंने कहा कि छायाचित्र अपनी संस्कृति की पहचान को बढ़ावा देते हैं।</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;"> <span lang="AR-SA">इससे अधिक से अधिक लोगों को जुड़ना चाहिए।</span></span><span style="font-size: 13.5pt;"><o:p></o:p></span></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<br /></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">अध्यक्षता
करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;">0</span><span class="apple-converted-space"><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;"> </span></span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">अजय जेतली ने कहा कि इलाहाबाद शुरू से
ही साहित्यकारों</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;">,<span class="apple-converted-space"> </span></span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">कलाकारो
का कर्मक्षेत्र रहा है। इस शहर से सभी क्षेत्रों में लोगांे में पहचान भी बनायी
है।</span><span style="font-size: 13.5pt;"><o:p></o:p></span></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<br /></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">छायाचित्र
प्रदर्शनी के सचिव जितेन्द्र प्रकाश ने प्रदर्शनी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए
कहा कि अगले वर्ष से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के छायाकारों के भी छायाचित्र प्रदर्शनी
में देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस बार छायाचित्र प्रदर्शनी में 119</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">फोटोग्राफरों
की</span><span class="apple-converted-space"><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;"> </span></span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">1160</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">तस्वीरें
आयी थीं। श्रीमती लक्ष्मी अवस्थी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में
वीरेन्द्र पाठक</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span class="apple-converted-space"><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span></span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">एस
के यादव</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">राजेश सिंह</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">पवन द्विवेदी</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">संजोग
मिश्रा</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">विरेन्द्र प्रकाश</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">केनिथ
जान</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">अनुराग अस्थाना</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">अमरदीप</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">रजत
शर्मा</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">संजीव बनर्जी</span><span style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">,</span><span style="font-family: 'Kruti Dev 010'; font-size: 10pt;"> </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 10pt;">संजय सक्सेना
सहित बड़ी संख्या में छायाकार और अन्य लोग मौजूद रहे। संचालन वरिष्ठ पत्रकार
अभिलाष नारायण ने किया।</span><span style="font-size: 13.5pt;"><o:p></o:p></span></div>
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<br /></div>
<br />
<div class="MsoNormal" style="text-align: justify; text-indent: .5in;">
<br /></div>
</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-65159613423392614412012-11-03T16:29:00.000+05:302012-11-03T16:29:03.934+05:30ब्लागर दम्पति आकांक्षा-कृष्ण कुमार यादव को उ. प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान' <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;">
<strong><span style="color: blue;">(हिंदी-ब्लागिंग को कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा जी ने कई नए आयाम दिए हैं..उसी कड़ी में ब्लागिंग के प्रति समर्पित दम्पति कृष्ण कुमार और आकांक्षा जी को उ.प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान' से अलंकृत करने पर हार्दिक बधाइयाँ.)</span></strong>
</div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3tAXofWOSIedEa7OrZ_jJR2HCSzcgZBbKj80yzYfAmNQ-rw7SCGJgnRSCkhS6WSMftdZB1Qt0CRygSvU3aq_8oWeFZQOPdm2iKNRhFL7WjtCR16dpAo3krNQPouF_4JbKpnirA31qZGo/s1600/Krishna+Kumar+Yadav+and+Akanksha+Yadav+with+Akhilesh+yadav%252C+Chief+Minister+of+Uttar+Pradesh-Awadh+Award-Z+News-8.JPG" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="265" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3tAXofWOSIedEa7OrZ_jJR2HCSzcgZBbKj80yzYfAmNQ-rw7SCGJgnRSCkhS6WSMftdZB1Qt0CRygSvU3aq_8oWeFZQOPdm2iKNRhFL7WjtCR16dpAo3krNQPouF_4JbKpnirA31qZGo/s400/Krishna+Kumar+Yadav+and+Akanksha+Yadav+with+Akhilesh+yadav%252C+Chief+Minister+of+Uttar+Pradesh-Awadh+Award-Z+News-8.JPG" width="400" /></a></div>
<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="font-size: x-small;"></span><span style="font-size: x-small;"></span><br /></div>
<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="font-size: x-small;"></span><br /></div>
<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br /></div>
<div dir="ltr" style="text-align: justify;" trbidi="on">
<span style="font-weight: normal;">जीवन में
कुछ करने की चाह हो तो रास्ते खुद-ब-खुद बन जाते हैं। हिन्दी-ब्लागिंग के क्षेत्र
में ऐसा ही रास्ता अखि़्तयार किया दम्पति कृष्ण कुमार यादव व आकांक्षा यादव ने।
उनके इस जूनून के कारण ही आज हिंदी ब्लागिंग को आधिकारिक तौर पर भी विधा के रूप में
मान्यता मिलने लगी है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव
ने 1 नवम्बर, 2012 को इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव
और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव को ‘न्यू मीडिया एवं ब्लागिंग’ में उत्कृष्टता के लिए
एक भव्य कार्यक्रम में ‘अवध सम्मान’ से सम्मानित किया गया. जी न्यूज़ द्वारा आयोजित
इस कार्यक्रम का आयोजन ताज होटल, लखनऊ में किया गया था, जिसमें विभिन्न विधाओं में
उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया, पर यह पहली बार हुआ जब किसी
दम्पति को युगल रूप में यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया. ब्लागर दम्पति को सम्मानित
करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहाँ न्यू मीडिया के रूप में ब्लागिंग की
सराहना की, वहीँ कृष्ण कुमार यादव ने अपने संबोधन में उनसे उत्तर प्रदेश हिंदी
संस्थान द्वारा दिए जा रहे सम्मानों में ‘ब्लागिंग’ को भी शामिल करने का अनुरोध
किया. आकांक्षा यादव ने न्यू मीडिया और ब्लागिंग के माध्यम से भ्रूण-हत्या,
नारी-उत्पीडन जैसे मुद्दों के प्रति सचेत करने की बात कही. अन्य सम्मानित लोगों में
वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी, चर्चित लोकगायिका मालिनी अवस्थी,
ज्योतिषाचार्य पं. के. ए. दुबे पद्मेश, वरिष्ठ आई.एस. अधिकारी जय शंकर श्रीवास्तव
इत्यादि प्रमुख रहे.</span></div>
<div dir="ltr" style="text-align: justify;" trbidi="on">
<span style="font-weight: normal;"></span><br /></div>
<div dir="ltr" style="text-align: justify;" trbidi="on">
<span style="font-weight: normal;">जीवन में एक-दूसरे का
साथ निभाने की कसमें खा चुके कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव, साहित्य और
ब्लागिंग में भी हमजोली बनकर उभरे हैं. कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग और
हिन्दी-साहित्य में एक चर्चित नाम हैं, जिनकी 6 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ।
उनके जीवन पर एक पुस्तक ’बढ़ते चरण शिखर की ओर’ भी प्रकाशित हो चुकी है। आकांक्षा
यादव भी नारी-सशक्तीकरण को लेकर प्रखरता से लिखती हैं और उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित
हो चुकी हैं । कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव ने वर्ष 2008 में ब्लाग जगत में कदम रखा
और 5 साल के भीतर ही सपरिवार विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाग का
संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लागिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक
रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लागिंग को भी नये आयाम दिये। कृष्ण कुमार यादव का ब्लॉग
‘शब्द-सृजन की ओर’ (<a href="http://www.kkyadav.blogspot.in/" target="_blank"><span style="color: #249fa3;">http://www.kkyadav.blogspot.in/</span></a>) जहाँ उनकी साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम
गतिविधियों से रूबरू करता है, वहीँ ‘डाकिया डाक लाया’ (<a href="http://dakbabu.blogspot.in/" target="_blank"><span style="color: #249fa3;">http://dakbabu.blogspot.in/</span></a>) के माध्यम से वे डाक-सेवाओं के अनूठे पहलुओं और अन्य
तमाम जानकारियों को सहेजते हैं. आकांक्षा यादव अपने व्यक्तिगत ब्लॉग ‘शब्द-शिखर’
(<a href="http://shabdshikhar.blogspot.in/" target="_blank"><span style="color: #249fa3;">http://shabdshikhar.blogspot.in/</span></a>) पर साहित्यिक रचनाओं के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों और
विशेषत: नारी-सशक्तिकरण को लेकर काफी मुखर हैं. इस दम्पति के ब्लागों को सिर्फ देश
ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भरपूर सराहना मिली। कृष्ण कुमार यादव के ब्लाग
’डाकिया डाक लाया’ को 98 देशों, ’शब्द सृजन की ओर’ को 75 देशों, आकांक्षा यादव के
ब्लाग ’शब्द शिखर’ को 68 देशों में देखा-पढ़ा जा चुका है. सबसे रोचक तथ्य यह है कि
यादव दम्पति ने अभी से अपनी सुपुत्री अक्षिता (पाखी) में भी ब्लागिंग को लेकर जूनून
पैदा कर दिया है. पिछले वर्ष ब्लागिंग हेतु भारत सरकार द्वारा ’’राष्ट्रीय बाल
पुरस्कार’’ से सम्मानित अक्षिता (पाखी) का ब्लाग ’पाखी की दुनिया’ (<a href="http://pakhi-akshita.blogspot.in/" target="_blank"><span style="color: #249fa3;">http://pakhi-akshita.blogspot.in/</span></a>) बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी काफी लोकप्रिय है और
इसे 98 देशों में देखा-पढ़ा जा चुका है। इसके अलावा इस ब्लागर दम्पति द्वारा ‘उत्सव
के रंग’, ‘बाल-दुनिया’, ‘सप्तरंगी प्रेम’ इत्यादि ब्लॉगों का भी सञ्चालन किया जाता
है.</span></div>
<h3 dir="ltr" style="text-align: justify;" trbidi="on">
<span style="font-size: small;">
<span style="font-weight: normal;">इस अवसर पर उ.प्र.
विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, रीता बहुगुणा जोशी, प्रमोद तिवारी, केबिनेट
मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, अनुप्रिया पटेल, मेयर दिनेश शर्मा सहित मंत्रिपरिषद के
कई सदस्य, विधायक, कार्पोरेट और मीडिया से जुडी हस्तियाँ, प्रशासनिक अधिकारी,
साहित्यकार, पत्रकार, कलाकर्मी व खिलाडी इत्यादि उपस्थित रहे. आभार ज्ञापन जी न्यूज
उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के संपादक वाशिन्द्र मिश्र ने किया.</span></span></h3>
<div dir="ltr" style="text-align: justify;" trbidi="on">
<br /></div>
<h3 dir="ltr" style="text-align: justify;" trbidi="on">
<span style="font-size: small;">
-डा. विनय कुमार शर्मा<br /><span style="font-weight: normal;">प्रधान संपादक-संचार बुलेटिन (अंतराष्ट्रीय शोध
जर्नल)</span><br /><span style="font-weight: normal;">448/119/76, कल्याणपुरी,
ठाकुरगंज, चैक, लखनऊ-226003</span></span></h3>
</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-60618302643908530442012-09-20T13:46:00.004+05:302013-08-16T12:31:11.174+05:30साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा द्वारा कृष्ण कुमार यादव को 11,000 रुपये की राशि का ’’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान-2012’’ <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfsfuhcSB_40GA7XvMynNIxXRlGhAQt-lr0XH1SZI02dlRq3iLqaZMRyKETLbywcsvQy66IJ9IaPIfQJmgAD08AAbtiIOyXCyYpPjRUI4S-loB1o0zQqcgxUkC5ns62QdJYBrDzpYn4i4/s1600/KKyadav-Saraswati+singh+samman-2012-Shrinathdwara.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfsfuhcSB_40GA7XvMynNIxXRlGhAQt-lr0XH1SZI02dlRq3iLqaZMRyKETLbywcsvQy66IJ9IaPIfQJmgAD08AAbtiIOyXCyYpPjRUI4S-loB1o0zQqcgxUkC5ns62QdJYBrDzpYn4i4/s320/KKyadav-Saraswati+singh+samman-2012-Shrinathdwara.jpg" width="320" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiTSSKdex7YlIhMV_l0mubE8OK_7pHxfYR7aVmO-p4IjtcL9SauCHG-Tiw_2I4_2apx3SqrARFWrKmGzIsKQ51BtiTu-QXIi49XLvxd4IzVipbjZvbEeiOi6pf22uM4uD3W_wm9aJsWKX8/s1600/KKyadav-Samman-Shrinathdwara.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiTSSKdex7YlIhMV_l0mubE8OK_7pHxfYR7aVmO-p4IjtcL9SauCHG-Tiw_2I4_2apx3SqrARFWrKmGzIsKQ51BtiTu-QXIi49XLvxd4IzVipbjZvbEeiOi6pf22uM4uD3W_wm9aJsWKX8/s320/KKyadav-Samman-Shrinathdwara.jpg" width="320" /></a></div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
युवा साहित्यकार व चर्चित ब्लागर एवं सम्प्रति इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव को राजस्थान की प्रसिद्ध साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिणक संस्था साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा द्वारा हिन्दी दिवस (14 सितम्बर) पर विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु ’’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान-2012’’ से सम्मानित किया गया। वैदिक क्रांति परिषद परिवार, देहरादून द्वारा साहित्यानुरागी, निस्पृह समाजसेवी, आर्यनेत्री एवं वैदिक क्रांति परिषद की संस्थापक स्वर्गीया श्रीमती सरस्वती सिंह की पावन स्मृति में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले इस प्रतिष्ठित सम्मान के तहत श्री यादव को 11,000/- रुपये की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र, शाल व अन्य मानद वस्तुएं प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी मंच पर साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा के अध्यक्ष श्री नरहरि ठाकर एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग व साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा के सभापति श्री भगवती प्रसाद देवपुरा ने कृष्ण कुमार यादव को उच्च पदस्थ अधिकारी, सहृदय कवि एवं श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में सारस्वत सम्मान करते हुए भगवान श्रीनाथ का सुशोभित चित्र एवं अभिनन्दन पत्र भी भेंट किया। इस अवसर पर श्री यादव के साथ-साथ वरिष्ठ साहित्यकार प्रो0 सूर्य प्रसाद दीक्षित (लखनऊ), सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य लेखक प्रेम जनमेजय (नई दिल्ली), वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य डा0 राम गोपाल शर्मा (नोयडा), भारतेन्द्रु परिवार के प्रपौत्र व भूगर्भ शास्त्र अध्येयता प्रो0 गिरीश चन्द्र चैधरी (वाराणसी) को भी सम्मानित किया गया। यह जानकारी साहित्य-मंडल, श्रीनाथद्वारा के श्री श्याम देवपुरा ने दी। गौरतलब है कि श्री यादव को हाल ही में विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि एवं परिकल्पना समूह द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ’’दशक के श्रेष्ठ दंपत्ति ब्लागर’’ के रूप में सम्मानित किया गया है। <br />
<br /></div>
<div style="background-color: transparent; color: black; font-family: times new roman, new york, times, serif; font-size: 13.33px; font-style: normal;">
</div>
<div style="text-align: justify;">
सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लागिंग के क्षेत्र में भी चर्चित नाम श्री कृष्ण कुमार यादव की रचनाधर्मिता को देश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में देखा-पढ़ा जा सकता हैं। विभिन्न विधाओं में अनवरत प्रकाशित होने वाले श्री यादव की अब तक कुल 6 पुस्तकें-'अभिलाषा' (काव्य-संग्रह, 2005) 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह, 2006 व 2007), 'इण्डिया पोस्ट : 150 ग्लोरियस ईअर्स' (2006), 'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (2007) एवं 'जंगल में क्रिकेट' (बाल गीत संग्रह, 2012 ) प्रकाशित हो चुकी हैं। व्यक्तिश: 'शब्द-सृजन की ओर' और 'डाकिया डाक लाया' एवं युगल रूप में सप्तरंगी प्रेम, उत्सव के रंग और बाल-दुनिया ब्लॉग का सञ्चालन करने वाले श्री यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं0 डा0 दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी है। पचास से अधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों/संकलनों में विभिन्न विधाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व ‘सरस्वती सुमन‘ (देहरादून) पत्रिका के लघु-कथा विशेषांक (जुलाई-सितम्बर, 2011) का संपादन भी आपने किया है। आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर व पोर्टब्लेयर और दूरदर्शन से आपकी कविताएँ, वार्ता, साक्षात्कार इत्यादि का प्रसारण हो चुका हैं। <br />
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
</div>
<div id="yui_3_2_0_1_1348124232466122" style="text-align: justify;">
इससे पूर्व श्री कृष्ण कुमार यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’महात्मा ज्योतिबा फुले फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘ व ‘’डा0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”काव्य शिरोमणि” एवं ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान‘‘, ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, मेधाश्रम संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘सरस्वती पुत्र‘‘, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा 50 से ज्यादा सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। </div>
</div>
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-87623333892394042332012-08-09T22:29:00.002+05:302012-08-14T16:17:35.097+05:30'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' का सम्मान आकांक्षा-कृष्ण कुमार यादव को<div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj8HnKu5tdZ2o0cBPiBshTmuEk13dW2ohJaR7tGHS4xlT_MvNZ3ms15aU43MkVBoooeHzeYIszImjFceWYW0ybnxDu43QkuEfcGnOuisTB-w14G5YPKrAqMeUfu0fveINIAjm2jDnj-T84/s1600/KKyadav-Akanksha-Blogger.jpg"><img style="MARGIN: 0px 10px 10px 0px; WIDTH: 320px; FLOAT: left; HEIGHT: 262px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5776478335758368210" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj8HnKu5tdZ2o0cBPiBshTmuEk13dW2ohJaR7tGHS4xlT_MvNZ3ms15aU43MkVBoooeHzeYIszImjFceWYW0ybnxDu43QkuEfcGnOuisTB-w14G5YPKrAqMeUfu0fveINIAjm2jDnj-T84/s320/KKyadav-Akanksha-Blogger.jpg" /></a>ब्लागिंग के क्षेत्र को निरंतर समृद्ध करने के मद्देनजर चर्चित साहित्यकार और ब्लागर कृष्ण कुमार यादव एवं आकांक्षा यादव को 'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' का सम्मान प्रदान किए जाने हेतु चयनित किया गया है। <a href="http://www.parikalpnaa.com/2012/07/2012.html">परिकल्पना समूह </a>की तरफ से अन्तराष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले इस सम्मान के तहत हिंदी ब्लोगिंग में दशक के सर्वाधिक चर्चित पाँच ब्लागर और पाँच ब्लॉग के साथ-साथ दशक के श्रेष्ठ चर्चित ब्लोगर दंपत्ति के रूप में कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव का चयन किया गया है. मूलत: आजमगढ़ जनपद निवासी श्री यादव वर्तमान में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. गौरतलब है कि परिकल्पना के माध्यम से चर्चित ब्लागर रवीन्द्र प्रभात जहाँ तमाम ब्लॉगों का सम्यक विश्लेषण कर रहे हैं,वही पिछले वर्ष से ही उन्होंने वर्ष के श्रेष्ट ब्लागरों को सम्मानित भी करना आरंभ किया है. इसी कड़ी में इस बार 'दशक' की उपलब्धियों वाले ब्लागर भी सम्मानित किये जा रहे हैं, जो कि ब्लागिंग के क्षेत्र में एक नायब और अनूठा प्रयोग होया.<br /><br />'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' हेतु चयनित कृष्ण कुमार यादव जहाँ <a href="http://kkyadav.blogspot.com/">'शब्द-सृजन की ओर' </a>और <a href="http://dakbabu.blogspot.com/">'डाकिया डाक लाया' </a>ब्लॉग के माध्यम से सक्रिय हैं, वहीँ आकांक्षा यादव <a href="http://shabdshikhar.blogspot.com/">'शब्द-शिखर' </a>ब्लॉग के माध्यम से. इसके अलावा इस युगल-दंपत्ति द्वारा सप्तरंगी प्रेम, बाल-दुनिया और उत्सव के रंग ब्लॉगों का भी युगल सञ्चालन किया जाता है. उपरोक्त सम्मान की घोषणा करते हुए संयोजकों ने लिखा कि- ''कृष्ण कुमार यादव ने 'डाकिया डाक लाया' ब्लॉग के माध्यम से डाक विभाग की सुखद अनुभूतियों से पाठकों को रूबरू कराने का बीड़ा उठाया तो आकांक्षा यादव ने 'शब्द-शिखर' के माध्यम से साहित्य के विभिन्न आयामों से रूबरू कराने का। एक स्वर है तो दूसरी साधना। हिन्दी ब्लोगजगत में जूनून की हद तक सक्रिय इस ब्लॉगर दंपति ने हिंदी ब्लागिंग को कई नए आयाम दिए हैं.''<br /><br />गौरतलब है कि यादव दम्पति की सुपुत्री <a href="http://pakhi-akshita.blogspot.com/">अक्षिता (पाखी)</a> को पिछले साल हिंदी भवन, नई दिल्ली में 'श्रेष्ठ नन्हीं ब्लागर' सम्मान से सम्मानित किया गया था तो 14 नवम्बर, 2012 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में भारत सरकार द्वारा अक्षिता को आर्ट और ब्लागिंग के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' भी प्रदान किया गया. मात्र साढ़े चार साल की उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त कर अक्षिता ने जहाँ भारत की सबसे कम उम्र की बाल पुरस्कार विजेता होने का सौभाग्य प्राप्त किया, वहीँ पहली बार भारत सरकार द्वारा किसी ब्लागर को कोई राजकीय सम्मान दिया गया. फ़िलहाल अक्षिता गर्ल्स हाई स्कूल, इलाहाबाद में प्रेप में पढ़ती है. अक्षिता के ब्लॉग का नाम है- <a href="http://pakhi-akshita.blogspot.com/">पाखी की दुनिया.</a></div><br /><div align="justify"><br />परिकल्पना दशक का ब्लॉगर सम्मान के तहत सम्मानित होने वाले ब्लागर हैं - पूर्णिमा वर्मन(शरजाह, यू ए ई), समीर लाल समीर(ओटरियों, कनाडा), रवि रतलामी (भोपाल, म.प्र.), रश्मि प्रभा (पुणे, महाराष्ट्र), एवं अविनाश वाचस्पति (नयी दिल्ली). इसके अलावा पञ्च चयनित श्रेष्ठ ब्लॉगों के संचालकों को भी सम्मानित किया जायेगा<a href="http://www.parikalpnaa.com/2012/07/2012.html">.(परिकल्पना ब्लॉग दशक सम्मान-2012 की पूरी सूची हेतु क्लिक करें) </a></div><br /><div align="justify"><br />उपरोक्त सम्मान दिनांक 27 अगस्त 2012 को लखनऊ के क़ैसर बाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन मे प्रदान किया जायेगा. इस अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन का आयोजन तस्लीम व परिकल्पना समूह कर रहा है । इस समारोह में देश व विदेश के तमाम चर्चित ब्लॉगर जुटेंगे और नए मीडिया जैसे कि ब्लॉग, वेबसाईट, वेब पोर्टल,सोशल नेटवर्किंग साइट इत्यादि के सामाजिक सरोकार पर भी बात करेंगे ।<br /><br />*****************************************************************************************</div><br /><br /><div align="justify">(उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभिन्न समाचार-पत्रों में इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के कृष्ण कुमार यादव-आकांक्षा यादव को 'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' हेतु चयनित किये जाने पर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित हुए हैं, उनकी एक झलक) </div><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgnb21OG106tU9WTaPWjspt9DPRnC5rYW8dcDnZ2kBUgXY5iu6BXoz2u195sv9qSbEYiEltXkIzR8rAWHB3EWYSUCXyxLwy2hRqtSegS11JZ07n4VWqslFlnT9-ZE7IRRVj3ojAEvIwbnYQ/s1600/Dainik+Jagran-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 242px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5774653591897266466" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgnb21OG106tU9WTaPWjspt9DPRnC5rYW8dcDnZ2kBUgXY5iu6BXoz2u195sv9qSbEYiEltXkIzR8rAWHB3EWYSUCXyxLwy2hRqtSegS11JZ07n4VWqslFlnT9-ZE7IRRVj3ojAEvIwbnYQ/s400/Dainik+Jagran-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgYqWDkxqcDT5I1azK0U3-MB8uWRgGpfQrM9UVhruEjRKoLOtWl-z1fkMd79ZjpR3eyovIzvNx-Rpu-UpaEgU_RzjXMr4zr60-5qn8UaopGpXvhfShe-6VLTVEiKyZ_bz4ExBCl0hMxGYaH/s1600/Hindustan+Times.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 197px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5774653978280878866" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgYqWDkxqcDT5I1azK0U3-MB8uWRgGpfQrM9UVhruEjRKoLOtWl-z1fkMd79ZjpR3eyovIzvNx-Rpu-UpaEgU_RzjXMr4zr60-5qn8UaopGpXvhfShe-6VLTVEiKyZ_bz4ExBCl0hMxGYaH/s400/Hindustan+Times.jpg" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBYPVUz54fQw3bdXoFjH0MgC2yxT1JBw0PgZPjtmYa9ouu15TxPsxQCtYJNwNSvQC_gQPDj5qfJlxss9Qq-QKXZGoPBbVRYoQzvhyphenhypheniz0NACGLXJT-_mOcKTHa3SIWUdGag1owVT8o680vn/s1600/Hindustan-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.Allahabad.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 247px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5774655781678644306" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBYPVUz54fQw3bdXoFjH0MgC2yxT1JBw0PgZPjtmYa9ouu15TxPsxQCtYJNwNSvQC_gQPDj5qfJlxss9Qq-QKXZGoPBbVRYoQzvhyphenhypheniz0NACGLXJT-_mOcKTHa3SIWUdGag1owVT8o680vn/s400/Hindustan-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.Allahabad.jpg" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhifbuJcW5nRubpQ4j0hisKSdgYaHgW34nUypHZWFilde3KEjqGElulJzJj-RslBeyyGMeeIp-HRzuXXzGQJSZ_m9tuLm27VIu8Y7VKN5JdS2NuoYD2dp8rM4Yxjv13x258dWagTZjly3ak/s1600/Rashtriya+Sahara-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 340px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5774657582926826770" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhifbuJcW5nRubpQ4j0hisKSdgYaHgW34nUypHZWFilde3KEjqGElulJzJj-RslBeyyGMeeIp-HRzuXXzGQJSZ_m9tuLm27VIu8Y7VKN5JdS2NuoYD2dp8rM4Yxjv13x258dWagTZjly3ak/s400/Rashtriya+Sahara-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgwCzoaYgNJZ9mNferEXEs_iJ-6vRTcu6gUi4Rr5Kvnp83WM00ORE07NcxIq114UiUVkWDg0vkigu5tZoaZrrjG5QE5wbzMH1IpE8NjUjIxHC5QN50rbi8iNNuHpCsXpWm-rG5E8_Ext1oh/s1600/I-next-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 289px" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5774656081146864882" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgwCzoaYgNJZ9mNferEXEs_iJ-6vRTcu6gUi4Rr5Kvnp83WM00ORE07NcxIq114UiUVkWDg0vkigu5tZoaZrrjG5QE5wbzMH1IpE8NjUjIxHC5QN50rbi8iNNuHpCsXpWm-rG5E8_Ext1oh/s400/I-next-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg" /></a><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCupW6lOVJk8oeWzr2IhQzqoCZ8sl7q8NOUWsTMvFfwevCrG3GmdtCUxM5jvSwAGR4hVggdTYqm_lcO9MCtUFhBXRaW4ELf5dVN8gFzrJFK-T-OR62CWwLVkqBhOVyZCt-jZCmudpqBmVH/s1600/Jansandesh-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 319px" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5774657895768383010" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCupW6lOVJk8oeWzr2IhQzqoCZ8sl7q8NOUWsTMvFfwevCrG3GmdtCUxM5jvSwAGR4hVggdTYqm_lcO9MCtUFhBXRaW4ELf5dVN8gFzrJFK-T-OR62CWwLVkqBhOVyZCt-jZCmudpqBmVH/s400/Jansandesh-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav.jpg" /></a><br /><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 232px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5774653817863320082" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjrE0tgmO0HlRqY8_TJDyO7Q4onkKhFtmtIGxPpzcAQtGdaHvz4-SSd48cYPkekM9AzgwhyphenhyphenHcetwpQMvDSxmKyGlHzMbqCrxY-qvMKYcuDlaEvdXjdMlI7JzohG7Ij0IIECcxblm1Nks44B/s400/Amar+Ujala+Compact-Blogger+Award-Akanksha-KKYadav..jpg" /> <span style="COLOR: rgb(0,0,153)"><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /></span>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-44423637845322417042012-05-08T12:25:00.001+05:302012-05-08T12:25:55.247+05:30कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव के बाल-गीत संग्रहों का विमोचन<div style="TEXT-ALIGN: center; CLEAR: both" dir="ltr" class="separator" trbidi="on"><a style="MARGIN-LEFT: 1em; MARGIN-RIGHT: 1em" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjPlAKAyN8uFV5Utot6VWkWoBOfuIGp_ONKwF63GcQQf_upTQ_p8gpaAQHxHnB_7AgIZGeKY6JLglgQ6Dn5v4cEcychA0FiMEhmIo_7_0ekCaEjha9tvgYV4vMxSrmsHZTe7EH_sBET6trJ/s1600/KKYadav-Akanksha-Children+POetry.jpg" imageanchor="1"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjPlAKAyN8uFV5Utot6VWkWoBOfuIGp_ONKwF63GcQQf_upTQ_p8gpaAQHxHnB_7AgIZGeKY6JLglgQ6Dn5v4cEcychA0FiMEhmIo_7_0ekCaEjha9tvgYV4vMxSrmsHZTe7EH_sBET6trJ/s320/KKYadav-Akanksha-Children+POetry.jpg" width="320" height="273" /></a></div><br /><div style="TEXT-ALIGN: left" dir="ltr" trbidi="on"><br /><div style="TEXT-ALIGN: justify"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show">युगल दंपत्ति एवं चर्चित साहित्यकार व ब्लागर <span class="text_exposed_show">कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव के बाल-गीत संग्रह 'जंगल में क्रिकेट' एवं 'चाँद पर पानी' का विमोचन पूर्व राज्यपाल डा. भीष्म नारायण सिंह और डा. रत्नाकर पाण्डेय (पूर्व सांसद) ने राष्ट्रभाषा <span class="text_exposed_show">स्वाभिमान न्यास एवं भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में 27 अप्रैल, 2012 को किया. उद्योग नगर प्रकाशन, गाजियाबाद द्वारा प्रकाशित इन दोनों बाल-गीत संग्रहों में <span class="text_exposed_show">कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव के 30 -30 बाल-गीत संगृहीत हैं. </span></span></span></span></span><br /></div><br /><div style="TEXT-ALIGN: justify"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show">इस अवसर पर दोनों संग्रहों का विमोचन करते हुए अपने उद्बोधन में पूर्व राज्यपाल डा. भीष्म नारायण सिंह ने युगल दम्पति की हिंदी साहित्य के प्रति समर्पण की सराहना की. उन्होंने कहा कि बाल-साहित्य बच्चों में स्वस्थ संस्कार रोपता है, अत: इसे बढ़ावा दिए जाने क़ी जरुरत है. पूर्व सांसद डा. रत्नाकर पाण्डेय ने युवा पीढ़ी में साहित्य के प्रति बढती अरुचि पर चिंता जताते हुए कहा कि, यह प्रसन्नता का विषय है कि भारतीय डाक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी होते हुए भी श्री यादव अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं और यह बात उनकी कविताओं में भी झलकती है. युगल दम्पति के बाल-गीत संग्रह क़ी प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आज का बचपन है और बीते कल का भी और यही बात इन संग्रह को महत्वपूर्ण बनाती है.</span></span></span></span></span><br /></div><br /><br /><div style="TEXT-ALIGN: justify"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show">कार्यक्रम में राष्ट्रभाषा <span class="text_exposed_show">स्वाभिमान न्यास के संयोजक डा. उमाशंकर मिश्र ने कहा कि यदि युगल दंपत्ति आज यहाँ उपस्थित रहते तो कार्यक्रम कि रौनक और भी बढ़ जाती. गौरतलब है कि अपनी पूर्व व्यस्तताओं के चलते यादव दंपत्ति इस कार्यक्रम में शरीक न हो सके. आभार ज्ञापन उद्योग नगर प्रकाशन के विकास मिश्र द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में तमाम साहित्यकार, बुद्धिजीवी, पत्रकार इत्यादि उपस्थित थे. </span></span></span></span></span></span></div><br /><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show">- रत्नेश कुमार मौर्या</span></span></span></span></span></span><br /><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show">संयोजक- 'शब्द-साहित्य'</span></span></span></span></span></span><br /><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show">म्योराबाद, इलाहाबाद.</span></span></span></span></span></span><br /><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><a href="mailto:mauryark@indiatimes.com"><span style="color:#2288bb;">mauryark@indiatimes.com</span></a></span></span></span></span></span></span><br /><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><span class="text_exposed_show"><a href="http://shabdasahitya.blogspot.in/"><span style="color:#2288bb;">http://shabdasahitya.blogspot.in/</span></a></span></span></span></span></span></span> </div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-26417809006195974982012-03-25T06:22:00.000+05:302012-03-25T06:22:00.890+05:30हिंदी ब्लागिंग की नन्ही परी अक्षिता (पाखी) : तुम जियो हजारों साल<div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4904XjeAaazwoSUjUCg8WgmX8_FeVKRGIfJPJiY9aF9FMmi-6oAzEpctiewAmozeeNU5-DsU-RXO7hk0qpB8Eo74Ifa7Ia9SNlpNxyM8B2QjVUfZJInjMQzKt7R3FWjZVwG0Td-LyYWI/s1600/Akshitaa-Pakhi-KK+Yadav1.JPG"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5723533272619372178" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; CURSOR: hand; HEIGHT: 268px; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4904XjeAaazwoSUjUCg8WgmX8_FeVKRGIfJPJiY9aF9FMmi-6oAzEpctiewAmozeeNU5-DsU-RXO7hk0qpB8Eo74Ifa7Ia9SNlpNxyM8B2QjVUfZJInjMQzKt7R3FWjZVwG0Td-LyYWI/s400/Akshitaa-Pakhi-KK+Yadav1.JPG" border="0" /></a>आज हिंदी की नन्हीं ब्लागर <a href="http://www.blogger.com/profile/06040970399010747427">अक्षिता </a>का जन्म-दिन है. ब्लागिंग जगत में अक्षिता अब किसी परिचय का मोहताज नहीं रही, आखिर ब्लागिंग के लिए उसे भारत सरकार द्वारा सर्वप्रथम सरकारी सम्मान से नवाजा जा चुका है, वहीँ भारत में सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने का श्रेय भी अक्षिता के खाते में दर्ज है. चर्चित बाल विज्ञानं पत्रिका चकमक ने फरवरी-२०१२ अंक में अक्षिता का सुन्दर सा शिशु-गीत भी प्रकाशित किया है तो आकाशवाणी पोर्टब्लेयर से उसका साक्षात्कार भी भी प्रसारित हो चुका है. ऐसी ही तमाम उपलब्धियों से सुवासित इस नन्हीं सी परी का आज (25 मार्च) जन्म-दिन है.<br /><span class=""></span></div><br /><br /><div align="center"><span style="color:#000099;">अक्षिता को जन्म-दिन पर ढेरों बधाइयाँ, प्यार और आशीर्वाद.<br />तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हों पचास हजार !!<br /></span><br />************************* </div><br /><br /><p align="justify"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675543533515043250" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; CURSOR: hand; HEIGHT: 283px; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBJs8gMvive5FjtYQHismpAdWZhwG2ZxzUVebOuJNoQMB8OMJqEw_qsgz5IEb9tagqoQMYWEQo6L4cZFgzXZHZg6ZN1cMlsILqeD_Skg1NJjNjDz99jH5_O_IhdTli9JXc8vVZHo254tw/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-1.jpg" border="0" /><br /><br />नाम-अक्षिता (पाखी)<br />जन्म- 25 मार्च, 2007 (कानपुर)<br />मूल निवास - तहबरपुर, आजमगढ़ (यू.पी.)<br />मम्मी-पापा - <a href="http://www.blogger.com/profile/10606407864354423112">श्रीमती आकांक्षा </a>– <a href="http://www.blogger.com/profile/05702409969031147177">श्री कृष्ण कुमार यादव</a><br />अध्ययनरत - के. जी.-II,<br />रुचियाँ- ड्राइंग, डांसिंग, प्लेयिंग.<br /><br />प्रकाशन- इंटरनेट पर ब्लागोत्सव-2010, बाल-दुनिया, नन्हा-मन, सरस पायस, ताऊजी डाट काम, युवा-मन इत्यादि एवं चकमक, टाबर टोली, अनंता, सांवली इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में ड्राइंग/रचनात्मक अभिव्यक्ति का प्रकाशन.<br /><br />प्रसारण- आकाशवाणी पोर्टब्लेयर से ‘बाल-जगत’ कार्यक्रम में प्रसारण.<br /><br />ब्लॉग <a href="http://pakhi-akshita.blogspot.in/">:‘पाखी की दुनिया’ </a>का 24 जून, 2009 को आरंभ. इसमें अक्षिता (पाखी) की ड्राइंग, क्रिएटिविटी, फोटो, परिवार और स्कूल की बातें, घूमना-फिरना, बाल-गीत सहित बहुत कुछ शामिल है. 82 से ज्यादा देशों में अब तक देखे/पढ़े जाने वाली ‘पाखी की दुनिया’ का 200 से ज्यादा लोग अनुसरण करते हैं. 235 से ज्यादा प्रविष्टियों से सुसज्जित इस ब्लॉग को 36,500 से ज्यादा लोगों ने पढ़ा/देखा है. दिल्ली से प्रकाशित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय हिंदी दैनिक ‘हिन्दुस्तान‘ के अनुसार-‘अक्षिता की उम्र तो बेहद कम है, लेकिन हिन्दी ब्लागिंग में वो एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी है। अक्षिता का ब्लाग बेहद पापुलर है और फिलहाल हिन्दी के टाॅप 100 ब्लॉगों में से एक है।'<br /><br />विशेष -राजस्थान के वरिष्ठ बाल-साहित्यकार दीन दयाल शर्मा द्वारा अपनी पुस्तक ‘चूं-चूं’ के कवर-पेज पर अक्षिता (पाखी) की फोटो का अंकन. दीन दयाल शर्मा, रावेन्द्र कुमार ‘रवि’, डॉ. नागेश पांडेय ‘संजय’, एस. आर. भारती, डा. दुर्गाचरण मिश्र, द्वारा अक्षिता (पाखी) पर केन्द्रित बाल-गीतों/कविता की रचना.<br /><br />सम्मान- ब्लागोत्सव -2010 में प्रकाशित रचनाओं की श्रेष्ठता के आधार पर “वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही ब्लागर ” के रूप में सम्मानित. हिंदी साहित्य निकेतन, परिकल्पना डॉट कॉम और नुक्कड़ डॉट कॉम की त्रिवेणी द्वारा हिंदी भवन, नई दिल्ली में 30 अप्रैल, 2011 को आयोजित अन्तराष्ट्रीय ब्लाॅगर्स सम्मलेन में श्रेष्ठ नन्हीं ब्लाॅगर हेतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डा0 रमेश पोखरियाल ”निशंक” द्वारा ”हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना सम्मान-2010” अवार्ड.<br /><br />बाल दिवस, 14 नवम्बर, 2011 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011 से पुरस्कृत किया. अक्षिता इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की प्रतिभा है. यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया.<br /><br />पत्र-पत्रिकाओं में चर्चा-दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, शुक्रवार, टाबर टोली, नेशनल एक्सप्रेस, नवोदित स्वर, बाल साहित्य समीक्षा, बुलंद इण्डिया, शुभ्र ज्योत्स्ना, सांवली, सत्य चक्र, इसमासो, हिंद क्रांति, दि मारल, अयोध्या संवाद, अंडमान-निकोबार द्वीप समाचार, The Indian Express, The Echo of India, The Daily Telegrams, Andaman Sheekha, Andaman Express, Aspect इत्यादि तमाम पत्र-पत्रिकाओं में अक्षिता और ब्लॉग ‘पाखी की दुनिया’ की चर्चा.<br /><br />अंतर्जाल पर चर्चा- हिंदी मीडिया.इन, स्वतंत्र आवाज़.काम, परिकल्पना, स्वर्गविभा, क्रिएटिव मंच-Creative Manch, बचपन, सरस पायस, बाल-दुनिया, बचपन, शब्द-साहित्य, रैन बसेरा, यदुकुल, Journalist Today, Akhtar Khan Akela इत्यादि तमाम वेब-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर चर्चा.<br /><br />संपर्क - पुत्री- श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवा, इलाहाबाद परिक्षेत्र, इलाहाबाद-211001<br /><br />ई-मेल- akshita_06@rediffmail.com<br /><br />ब्लॉग- http://www.pakhi-akshita.blogspot.com/ (पाखी की दुनिया)<br /><br /></p>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-16888079068795852252012-03-23T10:32:00.000+05:302013-08-16T12:31:26.352+05:30इलाहाबाद परिक्षेत्र के डाक-निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने जारी किया भारतीय स्टेट बैंक पर विशेष-आवरण (डाक-लिफाफा)<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div align="justify">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiDJuyus4Ne_d-mkObwEXqVRv3sFTQI7mj_McHzY-P5jUta9Yy0P5IuVUXXIvefxKshavYB9-PRxYW71xF4uh0ITnVmsJz3mJaGEaUwsfhd9p6OhXJvYMhvhV3GYPtVQ8WGQKAp07MdbNcv/s1600/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India2.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5722935680583894834" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiDJuyus4Ne_d-mkObwEXqVRv3sFTQI7mj_McHzY-P5jUta9Yy0P5IuVUXXIvefxKshavYB9-PRxYW71xF4uh0ITnVmsJz3mJaGEaUwsfhd9p6OhXJvYMhvhV3GYPtVQ8WGQKAp07MdbNcv/s400/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India2.JPG" style="cursor: hand; display: block; height: 267px; margin: 0px auto 10px; text-align: center; width: 400px;" /></a>भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद शाखा के 150वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर इलाहाबाद परिक्षेत्र के नवनियुक्त निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने एक विशेष-आवरण (डाक-लिफाफा) जारी किया. इस विशेष डाक आवरण का मूल्य पाँच रूपये है. <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgx5lTFcpCkGXLxNYdthV_md44SupKJmjJw3M07yU9VLO1a7q8jCB0U4L_gwNUvB6PjbtSSWalPlVm0cPfDmOIq7nhb5h1taj9c1DOthb5dpDQ2fbVVu3jP2Bax4BXTiHPSHAX8DqFYPf6K/s1600/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India1.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5722934499179217698" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgx5lTFcpCkGXLxNYdthV_md44SupKJmjJw3M07yU9VLO1a7q8jCB0U4L_gwNUvB6PjbtSSWalPlVm0cPfDmOIq7nhb5h1taj9c1DOthb5dpDQ2fbVVu3jP2Bax4BXTiHPSHAX8DqFYPf6K/s400/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India1.JPG" style="cursor: hand; display: block; height: 267px; margin: 0px auto 10px; text-align: center; width: 400px;" /></a>भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद के प्रांगण में 17 मार्च, 2012 को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ <a href="http://www.blogger.com/profile/05702409969031147177">श्री कृष्ण कुमार यादव </a>ने यह विशिष्ट आवरण जारी किया. <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKY9-JReqSDO7qYxIenL_1GZCXIUwob1HNwEOOZawVSVYk3RwHMdAISBiJYIm186pWtK2WVw0efRCFdaViv8tYZTiW-MKazFDpCHXAb2JKlBp4TbmyyYxMKcYzQ91ZMMcK8vtX4RP9SgAm/s1600/Special+Cover-State+Bank+of+Idia-Allahabad-by+KK+Yadav.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5722938322920813362" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKY9-JReqSDO7qYxIenL_1GZCXIUwob1HNwEOOZawVSVYk3RwHMdAISBiJYIm186pWtK2WVw0efRCFdaViv8tYZTiW-MKazFDpCHXAb2JKlBp4TbmyyYxMKcYzQ91ZMMcK8vtX4RP9SgAm/s400/Special+Cover-State+Bank+of+Idia-Allahabad-by+KK+Yadav.JPG" style="cursor: hand; display: block; height: 267px; margin: 0px auto 10px; text-align: center; width: 400px;" /></a>इस आवरण को रिमोट सेंसिंग के माध्यम से भी जारी किया गया. इस विशिष्ट आवरण को श्री यादव ने भारतीय स्टेट बैंक के उत्तर प्रदेश के चीफ जनरल मैनेजर श्री के. रामचंद्रन को प्रदान कर इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं.<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIU2RhmAo66VXAeSQRPCnKbyV1uKcEOlzU87ukMDBUabmnNGW-KZwQxDHpQUiErqAozsAe3e7E5dnOEbfji5nDiwOzOg6-bHhARIqeIrzJtvuNg-HkOgV7S4D5O00psNMI6QVenkYu8C5g/s1600/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India5.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5722939517474864498" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIU2RhmAo66VXAeSQRPCnKbyV1uKcEOlzU87ukMDBUabmnNGW-KZwQxDHpQUiErqAozsAe3e7E5dnOEbfji5nDiwOzOg6-bHhARIqeIrzJtvuNg-HkOgV7S4D5O00psNMI6QVenkYu8C5g/s400/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India5.JPG" style="cursor: hand; display: block; height: 267px; margin: 0px auto 10px; text-align: center; width: 400px;" /></a> कार्यक्रम के आरंभ में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ <a href="http://www.blogger.com/profile/05702409969031147177">श्री कृष्ण कुमार यादव,</a> भारतीय स्टेट बैंक के उत्तर प्रदेश के चीफ जनरल मैनेजर श्री के. रामचंद्रन, इलाहाबाद के उप पुलिस महानिरीक्षक श्री डी. प्रकाश इत्यादि ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया.<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiLbjKBZ5-nMo0dUv4g1an3k45-EVAKHFSiEHuQAzFf-SLw2Qux3Bb7vsuaOIS90jYYXedt94v-__uS00bMxRfLdWE8PqHVHbJRP9InE_ZzeWK8PeJGmW88BRMbv3a3wSV5D6O_PC98JREo/s1600/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India8.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5722941725859976034" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiLbjKBZ5-nMo0dUv4g1an3k45-EVAKHFSiEHuQAzFf-SLw2Qux3Bb7vsuaOIS90jYYXedt94v-__uS00bMxRfLdWE8PqHVHbJRP9InE_ZzeWK8PeJGmW88BRMbv3a3wSV5D6O_PC98JREo/s400/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad-Special+Cover-State+Bank+of+India8.JPG" style="cursor: hand; display: block; height: 267px; margin: 0px auto 10px; text-align: center; width: 400px;" /></a> निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने आपने संबोधन में कहा कि डाक विभाग ऐसे अवसरों को न सिर्फ खूबसूरती से संजोता है, बल्कि उन्हें इतिहास में भी सुरक्षित रखता है. उन्होंने डाक टिकट संग्रह के बारे में भी लोगों को बदलते आयामों के साथ परिचित कराया. <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQP930RnpaF7Hqc3zDdo5fYvOIpG4khPsNIU9FneEPOXxQE8y6hbMfgPxH-NNZCdJnstilXqDqExo0_K3TTplf6zu2mlFLElAIVCj13lfHQzTuCx_kKjn1SObi-xMdOsqCTEvlaOku9YOA/s1600/Krishna+Kumar+Yadav-Director-Indian+Postal+Services-Allahabad.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5722941009090127698" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQP930RnpaF7Hqc3zDdo5fYvOIpG4khPsNIU9FneEPOXxQE8y6hbMfgPxH-NNZCdJnstilXqDqExo0_K3TTplf6zu2mlFLElAIVCj13lfHQzTuCx_kKjn1SObi-xMdOsqCTEvlaOku9YOA/s400/Krishna+Kumar+Yadav-Director-Indian+Postal+Services-Allahabad.JPG" style="cursor: hand; display: block; height: 267px; margin: 0px auto 10px; text-align: center; width: 400px;" /></a>भारतीय स्टेट बैंक के उत्तर प्रदेश के चीफ जनरल मैनेजर श्री के. रामचंद्रन ने आपने संबोधन में डाक-विभाग और श्री यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दिन एक ऐतिहासिक दिन है और बैंक की गरिमा में भी वृद्धि करता है. कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने इस विशेष आवरण के प्रति उत्साह दिखाया और फिलेटलिस्टों ने जमकर इसकी खरीददारी भी की. विशेष आवरण पर अधिकारियों के हस्ताक्षर लेने के लिए फिलेटलिस्टों और युवाओं में काफी क्रेज देखा गया. </div>
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Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-21809529924120108632012-03-03T22:49:00.001+05:302013-08-16T12:31:43.025+05:30कृष्ण कुमार यादव बने इलाहाबाद रीजन के नए निदेशक डाक सेवाएं<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjWIYPWJFQIG1ch9jBzSukpSH08-xD_byWw7SPaz7TTrxld8NH0YATlGFQbzSE1mr5YH_3zqr8IBUsLs8VwzxxFWklDEOkwZbhMgnOfJ8vMexyD2Z93rrEHf1tBBIJ_jgq-XN4b5V6MIas/s1600/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad2.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5715720850101021266" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjWIYPWJFQIG1ch9jBzSukpSH08-xD_byWw7SPaz7TTrxld8NH0YATlGFQbzSE1mr5YH_3zqr8IBUsLs8VwzxxFWklDEOkwZbhMgnOfJ8vMexyD2Z93rrEHf1tBBIJ_jgq-XN4b5V6MIas/s400/KK+Yadav-Director+Postal+Services-Allahabad2.JPG" style="cursor: hand; float: right; height: 267px; margin: 0px 0px 10px 10px; width: 400px;" /></a>भारतीय डाक सेवा के अधिकारी कृष्ण कुमार यादव ने इलाहाबाद रीजन के नए निदेशक डाक सेवाएँ के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है. साहित्य, लेखन और ब्लागिंग में अभिरुचि रखने वाले श्री यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक हैं. मूलत: तहबरपुर, आजमगढ़ के निवासी श्री यादव वर्ष 2001 बैच के अधिकारी हैं. इससे पूर्व आप सूरत, लखनऊ, कानपुर और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं. इलाहाबाद में नियुक्ति से पूर्व कृष्ण कुमार यादव अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ थे. गौरतलब है कि इलाहाबाद रीजन, उत्तर प्रदेश परिमंडल का सबसे बड़ा डाक-रीजन है, जिसके अंतर्गत इलाहाबाद, कौशाम्बी, जौनपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर और सोनभद्र जनपद आते हैं. इलाहाबाद में निदेशक डाक सेवाएँ का पद कई महीनों से खाली चलने के चलते आम जनता के साथ विभागीय गतिविधियाँ भी काफी प्रभावित हो रही थीं. यही नहीं पिछले माह यहाँ के पोस्टमास्टर जनरल की पदोन्नति पश्चात् इलाहाबाद रीजन मुख्यालय में शून्य की स्थिति पैदा हो गई थी. ऐसे में तेज-तर्रार और ईमानदार छवि के लिए मशहूर कृष्ण कुमार यादव की नियुक्ति इलाहाबाद रीजन में डाक सम्बंधित गतिविधियों को नए आयाम देगी. श्री यादव के पास गोरखपुर रीजन के निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार है, ऐसे में उनसे लोगों की आशाएं भी काफी बढ़ गई हैं.<br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1pwaVMGyO9ioiQ-sySZ65n4MbhT7S6dSpFLtikk_soUCZOFJwlbjPA1H2WrkI7rxq0a50hxeOmPErowpEe03k3zvQU3bNxij1Rwry-xdfeBS0x8ONr4IsDznbvnnevMDdxrWMmIozTzE/s1600/KK+Yadav-Director+Postal+Services%2C+Allahabad.jpg"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5715720326127966226" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1pwaVMGyO9ioiQ-sySZ65n4MbhT7S6dSpFLtikk_soUCZOFJwlbjPA1H2WrkI7rxq0a50hxeOmPErowpEe03k3zvQU3bNxij1Rwry-xdfeBS0x8ONr4IsDznbvnnevMDdxrWMmIozTzE/s400/KK+Yadav-Director+Postal+Services%252C+Allahabad.jpg" style="cursor: hand; float: left; height: 400px; margin: 0px 10px 10px 0px; width: 267px;" /></a><br />
सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लागिंग के क्षेत्र में भी चर्चित नाम श्री कृष्ण कुमार यादव की रचनाधर्मिता को देश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में देखा-पढ़ा जा सकता हैं। विभिन्न विधाओं में अनवरत प्रकाशित होने वाले श्री यादव की अब तक कुल 5 पुस्तकें- अभिलाषा (काव्य-संग्रह-2005), 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह-2006 व 2007), India Post : 150 Glorious Years (2006) एवं 'क्रांति -यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (2007) प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा. राष्ट्रबन्धु द्वारा श्री यादव के व्यक्तित्व व कृतित्व पर ‘‘बाल साहित्य समीक्षा‘‘ पत्रिका का विशेषांक जारी किया गया है तो इलाहाबाद से प्रकाशित ‘‘गुफ्तगू‘‘ पत्रिका ने भी श्री यादव के ऊपर परिशिष्ट अंक जारी किया है। आपके व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं. डा. दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी है। पचास से अधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों/संकलनों में विभिन्न विधाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व ‘सरस्वती सुमन‘ (देहरादून) पत्रिका के लघु-कथा विशेषांक (जुलाई-सितम्बर, 2011) का संपादन भी आपने किया है। आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर व पोर्टब्लेयर और दूरदर्शन से आपकी कविताएँ, वार्ता, साक्षात्कार इत्यादि का प्रसारण हो चुका हैं। </div>
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श्री कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और व्यक्तिगत रूप से <a href="http://kkyadav.blogspot.com/">शब्द सृजन की ओर </a>(www.kkyadav.blogspot.com) व <a href="http://dakbabu.blogspot.com/">डाकिया डाक लाया </a>(www.dakbabu.blogspot.com) और युगल रूप में ‘<a href="http://balduniya.blogspot.com/">बाल-दुनिया’ </a>,‘<a href="http://saptrangiprem.blogspot.com/">सप्तरंगी प्रेम’ </a>व <a href="http://utsavkerang.blogspot.com/">‘उत्सव के रंग’ </a>ब्लॉगों के माध्यम से सक्रिय हैं। विभिन्न वेब पत्रिकाओं, ई पत्रिकाओं, और ब्लॉग पर प्रकाशित होने वाले श्री यादव की इंटरनेट पर <a href="http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3_%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5">’कविता कोश’ </a>में भी काव्य-रचनाएँ संकलित हैं। </div>
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विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त श्री यादव की इलाहाबाद में नियुक्ति से इलाहाबाद से जुड़े साहित्यकारों और ब्लागरों में भी काफी हर्ष है !!</div>
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Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-55474890679586934802012-02-07T15:50:00.001+05:302012-02-09T15:56:34.833+05:30अंडमान के साहित्यकारों-बुद्धिजीवियों ने दी कृष्ण कुमार यादव को भावभीनी विदाई<div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7CV3Rv35coPiMkq3lEkIA_vuJB7fnBNWyU7ATc44UhMTlSgINDEKnB_JVrskMl9pTES8jCl-wr9eqwQzVCi2cb3RL6F73-TISoNrYF6dl2XN_J_5uG39oe_WMXX0TBR6ljgDPdx1-clA/s1600/Farewell+of+KK+Yadav+by+CHetna.JPG"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 300px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5706361522272657874" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7CV3Rv35coPiMkq3lEkIA_vuJB7fnBNWyU7ATc44UhMTlSgINDEKnB_JVrskMl9pTES8jCl-wr9eqwQzVCi2cb3RL6F73-TISoNrYF6dl2XN_J_5uG39oe_WMXX0TBR6ljgDPdx1-clA/s400/Farewell+of+KK+Yadav+by+CHetna.JPG" /></a>चर्चित साहित्यकार, लेखक और ब्लागर <a href="http://kkyadav.blogspot.com/">कृष्ण कुमार यादव </a>के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से इलाहाबाद में निदेशक डाक सेवाएँ पद पर स्थानांतरित होकर जाने से पूर्व 6 फरवरी, 2012 को पोर्टब्लेयर में भव्य अभिनन्दन और विदाई समारोह आयोजित किया गया. टैगोर राजकीय शिक्षा महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में तमाम विद्वतजनों, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े लोगों ने श्री यादव के कार्यकाल को सराहा और एक साहित्यकार के रूप में उनके प्रखर योगदान को रेखांकित किया. 'चेतना' सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्था द्वारा श्री यादव को संस्था की मानद सदस्यता से विभूषित कर आशा की गई कि वे जहाँ भी रहेंगें, अंडमान-निकोबार से अपना लगाव बनाये रखेंगें.<br /><br />कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए जवाहर लाल नेहरु राजकीय महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर में राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डा. आर. एन. रथ ने कहा कि प्रशासन के साथ-साथ साहित्यिक दायित्वों का निर्वहन बेहद जटिल कार्य है पर श्री <a href="http://dakbabu.blogspot.com/">कृष्ण कुमार यादव </a>ने अल्प समय में ही अंडमान में अपने कार्य-कलापों से विशिष्ट पहचान बनाई है. उन्होंने अपने रचनात्मक अवदान से द्वीपों में चल रही गतिविधियों को मुख्य भूमि से जोड़ा और यहाँ के ऐतिहासिक व प्राकृतिक परिवेश, सेलुलर जेल, आदिवासी, द्वीपों में समृद्ध होती हिंदी इत्यादि तमाम विषयों पर न सिर्फ प्रखरता से लेखनी चलाई बल्कि उसे तमाम राष्ट्रीय-अन्तराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं और इंटरनेट पर प्रसारित कर यहाँ के सम्बन्ध में लोगों को रु-ब-रु कराया. श्री यादव के साथ-साथ जिस तरह से इनकी पत्नी श्रीमती आकांक्षा यादव ने नारी-विमर्श को लेकर कलम चलाई है, ऐसा युगल विरले ही देखने को मिलता है. आकाशवाणी के पूर्व निदेशक श्री एम्.एच. खान ने अपने संबोधन में कहा कि जिस प्रकार से बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी श्री यादव अपनी प्रशासनिक व्यस्तताओं के मध्य साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं, वह नई पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है. आकाशवाणी, पोर्टब्लेयर के उप निदेशक (समाचार) श्री दुर्गा विजय सिंह 'दीप' ने उन तमाम गतिविधियों को रेखांकित किया, जो श्री यादव ने द्वीपों में निदेशक के पद पर अधीन रहने के दौरान किया. डाकघरों का कम्प्यूटरीकरण और उन्हें प्रोजेक्ट एरो के अधीन लाना, डाक-कर्मियों हेतु प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना, डाकघर से 'आधार' के तहत नामांकन, अंडमान के साथ-साथ सुदूर निकोबार में आदिवासियों के बीच जाकर उन्हें बचत और बीमा सेवाओं के प्रति जागरूक करना और उनके खाते खुलवाना, स्कूली बच्चों को पत्र-लेखन से जोड़ने के लिए तमाम रचनात्मक पहल और उन्हें डाक-टिकटों के प्रति आकर्षित करने के लिए तमाम कार्यशालों का आयोजन इत्यादि ऐसे तमाम पहलू रहे, जहाँ निदेशक के रूप में श्री यादव के प्रयास को न सिर्फ आम-जन ने सराहा बल्कि मीडिया ने भी नोटिस लिया. उन्होंने श्री यादव के सपरिवार साहित्यिक जगत में सक्रिय होने और आकाशवाणी पर निरंतर कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने के लिए भी सराहा. 'चेतना' संस्था के महासचिव श्री घनश्याम सिंह ने श्री कृष्ण कुमार यादव के 'चेतना' सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था से लगाव पर सुखद हर्ष व्यक्त किया और कहा कि उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण से हमारे कार्यक्रमों को नई दिशा मिली. चर्चित कवयित्री और प्रशासन में सहायक निदेशक श्रीमती डी. एम. सावित्री ने श्री कृष्ण कुमार यादव को एक संवेदनशील व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि वे अधिकारी से पहले एक अच्छे व्यक्ति हैं और यही उन्हें विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु प्रेरित भी करती है. यह एक सुखद संयोग है कि उनके पीछे विदुषी पत्नी आकांक्षा यादव जी का सहयोग सदा बना रहता है.<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgXpWajlHncEOQH1g9Gv6OGgVKk7PtDTkXJIb0Bg3r2YOs1Jpno9-edsxvMRsiU5j7LiW7oYwh0DPP9w6voSIMDbAOaCXQa_HHKJ2WWybHMiWk-3qjKhTZS5L7xEem7ZMwakflXy6KHV4k/s1600/Farewell-+KK+Yadav-Portblair.JPG"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 300px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5706365034080515362" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgXpWajlHncEOQH1g9Gv6OGgVKk7PtDTkXJIb0Bg3r2YOs1Jpno9-edsxvMRsiU5j7LiW7oYwh0DPP9w6voSIMDbAOaCXQa_HHKJ2WWybHMiWk-3qjKhTZS5L7xEem7ZMwakflXy6KHV4k/s400/Farewell-+KK+Yadav-Portblair.JPG" /></a> पोर्टब्लेयर नगर पालिका परिषद् के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री के. गणेशन ने कहा कि अपने निष्पक्ष, स्पष्टवादी, साहसी व निर्भीक स्वभाव के कारण प्रसिद्ध श्री यादव जहाँ कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारी की भूमिका अदा कर रहे हैं, वहीं एक साहित्य साधक एवं सशक्त रचनाधर्मी के रूप में भी अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समाचार के प्रधान संपादक श्री राम प्रसाद ने श्री यादव को भावभीनी विदाई देते हुए कहा कि कम समय में ज्यादा उपलब्धियों को समेटे श्री यादव न सिर्फ एक चर्चित अधिकारी हैं बल्कि साहित्य-कला को समाज में उचित स्थान दिलाने के लिए कटिबद्ध भी दिखते हैं। यह देखकर सुखद अनुभूति होती है कि कृष्ण कुमार यादव जी का पूरा परिवार ही साहित्य और संस्कृति के संवर्धन में तल्लीन है. श्रीमती <a href="http://shabdshikhar.blogspot.com/">आकांक्षा यादव </a>जहाँ साहित्य और ब्लागिंग में भी उनकी संगिनी हैं, वहीँ इनकी सुपुत्री <a href="http://pakhi-akshita.blogspot.com/">अक्षिता (पाखी)</a> ने सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011 प्राप्त कर अंडमान-निकोबार का नाम राष्ट्रीय स्तर पर भी गौरवान्वित किया है. अंडमान चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष श्री हरि नारायण अरोड़ा ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर किया कि श्री यादव आम जनता के लिए सदैव सुलभ रहते हैं और यही उन्हें एक लोकप्रिय अधिकारी भी बनाती है. प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इण्डिया के राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने आशा व्यक्त की कि श्री यादव जैसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के चलते लोगों का साहित्य प्रेम बना रहेगा। अनिड्को के प्रबंधक हेमंत ने कहा कि प्रशासन में अभिनव प्रयोग करने में सिद्धस्त श्री यादव बाधाओं को भी चुनौतियों के रूप में स्वीकारते हैं और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है.<br /><br />अपने भावभीनी विदाई समारोह से अभिभूत श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस अवसर पर कहा कि अंडमान में उनका यह कार्यकाल बहुत खूबसूरत रहा, इसके बहाने ऐसी तमाम बातों और पहलुओं से रु-ब-रु होने का अवसर मिला, जिनके बारे में मात्र पढ़ा ही था. इस दौरान यहाँ से बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। श्री यादव ने कहा कि यहाँ के परिवेश में न सिर्फ मेरी सृजनात्मकता में वृद्धि की बल्कि उन्नति की राह भी दिखाई। उन्होंने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में अपने अनुभवों और यहाँ के जन-जीवन पर एक पुस्तक लिखने की भी इच्छा जताई. श्री यादव ने कहा कि वे विभागीय रूप में भले ही यहाँ से जा रहे हैं पर यहाँ के लोगों और अंडमान से उनका भावनात्मक संबंध हमेशा बना रहेगा।<br /><br />इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें सर्वश्री घनश्याम सिंह, मकसूद आलम, अनिरुद्ध पांडे, अरविंद त्रिपाठी, श्रीमती डी.एम. सावित्री, श्री दुर्ग विजय सिंह ‘दीप’ इत्यादि ने अपनी अपनी कविताएं पढ़ी। श्री कृष्ण कुमार यादव ने भी अपनी कविताओं और हाइकु से लोगों का मन मोहा. अंडमान के आदिवासियों पर आधारित उनकी कविता ने लोगों को बड़ा प्रभावित किया ।<br /><br />कार्यक्रम का सञ्चालन श्री अशोक सिंह और आभार-ज्ञापन श्री नीरज बैद्य द्वारा किया गया.<br /><br /><span style="color:#000099;">- दुर्ग विजय सिंह 'दीप'<br />उप निदेशक- आकाशवाणी (समाचार)<br />पोर्टब्लेयर, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह.</span></div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-39683926373605648322012-01-17T10:15:00.000+05:302012-01-17T10:19:37.855+05:30विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट<div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgU4IRBHhjpslU1r5q7pNE-Qk-VcEkqIa107kzKCSbqvkaeUeG6xofziSBSpSMT9cBUWuDHELU42KyEEArU5VuZXtmg0SUGNPthBY4GCgoTZ1k2qxV2dMSWuzxLjjTvUAm7UCQ31YqlAWM/s1600/Akanksha.jpg.jpg"><img style="MARGIN: 0px 0px 10px 10px; WIDTH: 255px; FLOAT: right; HEIGHT: 320px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5698457132783287362" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgU4IRBHhjpslU1r5q7pNE-Qk-VcEkqIa107kzKCSbqvkaeUeG6xofziSBSpSMT9cBUWuDHELU42KyEEArU5VuZXtmg0SUGNPthBY4GCgoTZ1k2qxV2dMSWuzxLjjTvUAm7UCQ31YqlAWM/s320/Akanksha.jpg.jpg" /></a>विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के सोलहवें महाधिवेशन (13-14 दिसंबर, 2011)में युवा कवयित्री, साहित्यकार एवं चर्चित <a href="http://shabdshikhar.blogspot.com/">ब्लागर आकांक्षा यादव </a>को मानद डाक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की उपाधि से विभूषित किया गया। आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट की इस उपाधि के लिए उनकी सुदीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना, शैक्षिक प्रदेयों, राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में महनीय शोधपरक लेखन के द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा के आधार पर अधिकृत किया गया। उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में उज्जैन विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह उपाधि प्रदान की।<br /><br />गौरतलब है कि <a href="http://shabdshikhar.blogspot.com/">आकांक्षा यादव </a>की रचनाएँ देश-विदेश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली आकांक्षा यादव के लेख, कवितायें और लघुकथाएं जहाँ तमाम संकलनों /पुस्तकों की शोभा बढ़ा रहे हैं, वहीं आपकी तमाम रचनाएँ आकाशवाणी से भी तरंगित हुई हैं। पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ इंटरनेट पर भी सक्रिय आकांक्षा यादव की रचनाएँ तमाम वेब/ई-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर भी पढ़ी-देखी जा सकती हैं। व्यक्तिगत रूप से ‘शब्द-शिखर’(http://shabdshikhar.blogspot.com) और युगल रूप में ‘बाल-दुनिया’ (http://balduniya.blogspot.com),‘सप्तरंगी प्रेम’ (http://saptrangiprem.blogspot.com) व ‘उत्सव के रंग’ (http://utsavkerang.blogspot.com) ब्लॉग का संचालन करने वाली आकांक्षा यादव न सिर्फ एक साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं, बल्कि सक्रिय ब्लागर के रूप में भी उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। ’क्रांति-यज्ञ: 1857-1947 की गाथा‘ पुस्तक का कृष्ण कुमार यादव के साथ संपादन करने वाली आकांक्षा यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डा0 राष्ट्रबन्धु ने ‘बाल साहित्य समीक्षा‘ पत्रिका का एक अंक भी विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।<br /><br />मूलतः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और गाजीपुर जनपद की निवासी आकांक्षा यादव वर्तमान में अपने पतिदेव श्री <a href="http://kkyadav.blogspot.com/">कृष्ण कुमार यादव </a>के साथ अंडमान-निकोबार में रह रही हैं और वहां रहकर भी हिंदी को समृद्ध कर रही हैं। श्री यादव भी हिंदी की युवा पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं और सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं। एक रचनाकार के रूप में बात करें तो आकांक्षा यादव ने बहुत ही खुले नजरिये से संवेदना के मानवीय धरातल पर जाकर अपनी रचनाओं का विस्तार किया है। बिना लाग लपेट के सुलभ भाव भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें यही आपकी लेखनी की शक्ति है। उनकी रचनाओं में जहाँ जीवंतता है, वहीं उसे सामाजिक संस्कार भी दिया है।<br /><br />इससे पूर्व भी आकांक्षा यादव को विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, ‘एस0एम0एस0‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार, इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा ‘साहित्य गौरव‘ व ‘काव्य मर्मज्ञ‘, श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति साहित्यमाला, कानपुर द्वारा ‘साहित्य श्री सम्मान‘, मथुरा की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘आसरा‘ द्वारा ‘ब्रज-शिरोमणि‘ सम्मान, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ द्वारा ‘साहित्य मनीषी सम्मान‘ व ‘भाषा भारती रत्न‘, छत्तीसगढ़ शिक्षक-साहित्यकार मंच द्वारा ‘साहित्य सेवा सम्मान‘, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़ द्वारा ‘देवभूमि साहित्य रत्न‘, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना द्वारा ‘उजास सम्मान‘, ऋचा रचनाकार परिषद, कटनी द्वारा ‘भारत गौरव‘, अभिव्यंजना संस्था, कानपुर द्वारा ‘काव्य-कुमुद‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘शब्द माधुरी‘, महिमा प्रकाशन, दुर्ग-छत्तीसगढ द्वारा ’महिमा साहित्य भूषण सम्मान’, अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था,ठाणे, महाराष्ट्र द्वारा ‘सरस्वती रत्न‘, अन्तज्र्योति सेवा संस्थान गोला-गोकर्णनाथ, खीरी द्वारा ’श्रेष्ठ कवयित्री’ की मानद उपाधि, जीवी प्रकाशन, जालंधर द्वारा ’राष्ट्रीय भाषा रत्न’ इत्यादि शामिल हैं।<br /><br />विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों में कार्यरत हिन्दी सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान, शिक्षक-साहित्यकार, पुरातत्वविद्, इतिहासकार, पत्रकार और जन-प्रतिनिधि शामिल थे। उक्त जानकारी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के कुल सचिव डा. देवेंद्र नाथ साह ने दी। </div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-39864249223544729512012-01-03T16:00:00.002+05:302013-08-16T12:32:20.849+05:30कृष्ण कुमार यादव को विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा ’विद्यावाचस्पति’ की मानद उपाधि<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div align="justify">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhiae4FPeFenf8_sKBCeuPX9-mODLjXC7QFCqFSyma4tLMby4WtZnaZVzSyH9hoQ7v-HkL_lrdMRjTGeSxiBgX5zXKI7dEx_aKBj88HH0fK-LjMe_i3huXrchyFubfsCfjczeZE8R8u-eU/s1600/Krishna+Kumar+Yadav-KK+yadav-Director.JPG" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="400" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhiae4FPeFenf8_sKBCeuPX9-mODLjXC7QFCqFSyma4tLMby4WtZnaZVzSyH9hoQ7v-HkL_lrdMRjTGeSxiBgX5zXKI7dEx_aKBj88HH0fK-LjMe_i3huXrchyFubfsCfjczeZE8R8u-eU/s400/Krishna+Kumar+Yadav-KK+yadav-Director.JPG" width="256" /></a></div>
विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के सोलहवें महाधिवेशन (13-14 दिसंबर 2011) में युवा साहित्यकार एवं भारतीय डाक सेवा के अधिकारी श्री कृष्ण कुमार यादव को ’विद्यावाचस्पति’ की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। श्री यादव को यह उपाधि उनकी साहित्यिक रचनाशीलता एवं हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदान किया गया। उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में उज्जैन विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह उपाधि प्रदान की। श्री कृष्ण कुमार यादव वर्तमान में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर कार्यरत हैं ।<br />
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सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लागिंग के क्षेत्र में भी चर्चित नाम श्री कृष्ण कुमार यादव की रचनाधर्मिता को देश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में देखा-पढ़ा जा सकता हैं। विभिन्न विधाओं में अनवरत प्रकाशित होने वाले श्री यादव की अब तक कुल 5 पुस्तकें- अभिलाषा (काव्य-संग्रह-2005), 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह-2006 व 2007), India Post : 150 Glorious Years (2006) एवं 'क्रांति -यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (2007) प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा. राष्ट्रबन्धु द्वारा श्री यादव के व्यक्तित्व व कृतित्व पर ‘‘बाल साहित्य समीक्षा‘‘ पत्रिका का विशेषांक जारी किया गया है तो इलाहाबाद से प्रकाशित ‘‘गुफ्तगू‘‘ पत्रिका ने भी श्री यादव के ऊपर परिशिष्ट अंक जारी किया है। आपके व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं. डा. दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी है। पचास से अधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों/संकलनों में विभिन्न विधाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व ‘सरस्वती सुमन‘ (देहरादून) पत्रिका के लघु-कथा विशेषांक (जुलाई-सितम्बर, 2011) का संपादन भी आपने किया है। आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर व पोर्टब्लेयर और दूरदर्शन से आपकी कविताएँ, वार्ता, साक्षात्कार इत्यादि का प्रसारण हो चुका हैं।<br />
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श्री कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और व्यक्तिगत रूप से <a href="http://kkyadav.blogspot.com/">शब्द सृजन की ओर </a>(www.kkyadav.blogspot.com) व <a href="http://dakbabu.blogspot.com/">डाकिया डाक लाया </a>(www.dakbabu.blogspot.com) और युगल रूप में ‘<a href="http://balduniya.blogspot.com/">बाल-दुनिया’ </a>,‘<a href="http://saptrangiprem.blogspot.com/">सप्तरंगी प्रेम’ </a>व <a href="http://utsavkerang.blogspot.com/">‘उत्सव के रंग’ </a>ब्लॉगों के माध्यम से सक्रिय हैं। विभिन्न वेब पत्रिकाओं, ई पत्रिकाओं, और ब्लॉग पर प्रकाशित होने वाले श्री यादव की इंटरनेट पर <a href="http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3_%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5">’कविता कोश’ </a>में भी काव्य-रचनाएँ संकलित हैं।<br />
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इससे पूर्व श्री कृष्ण कुमार यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’महात्मा ज्योतिबा फुले फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘ व ‘’डाॅ0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”काव्य शिरोमणि” एवं ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान‘‘, ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, मेधाश्रम संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘सरस्वती पुत्र‘‘, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु 50 से ज्यादा सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।<br />
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विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों में कार्यरत हिन्दी सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान, शिक्षक-साहित्यकार, पुरातत्वविद्, इतिहासकार, पत्रकार और जन-प्रतिनिधि शामिल थे। उक्त जानकारी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के कुल सचिव डा. देवेंद्र नाथ साह ने दी। </div>
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Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-13091797548152288642012-01-02T16:40:00.000+05:302012-01-02T16:42:20.993+05:30नव वर्ष-2012 का अभिनन्दन<div align="center"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjizsdL4IJMdE3nOQiqpaX27Wq4sws1IakpNH-fhYffvI3UVpabxfQgIVMgjIDdBR_m0Qg_I4de-88x5DxGXXQcBLp4ITPaFpc3kUKMvCdXaBdJHcvn2VKhpl9w30bXFIONnRui7zDZ1uI/s1600/happy-new-year-2012-sms-in-hindi.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 274px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5692990598501353922" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjizsdL4IJMdE3nOQiqpaX27Wq4sws1IakpNH-fhYffvI3UVpabxfQgIVMgjIDdBR_m0Qg_I4de-88x5DxGXXQcBLp4ITPaFpc3kUKMvCdXaBdJHcvn2VKhpl9w30bXFIONnRui7zDZ1uI/s400/happy-new-year-2012-sms-in-hindi.jpg" /></a><br /><strong><span style="color:#990000;">*** नव वर्ष-2012 का अभिनन्दन ***</span></strong></div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-10804344384395443442011-12-26T08:06:00.002+05:302011-12-26T13:29:17.214+05:30भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा राम शिव मूर्ति यादव को ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011‘‘<div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiwqdNZEcM7cLXEwJIDS7HPWEY_iGFetpiSVqq_DHl7nbgQ9GMTccl0vVarZZTZrqMLG1lHUSFY79sEVOq7NsLyBVOR2-x16A6K1r5XdvC3pumPkxcMAc8G6ShxkjwXNMAm-Wu9c9CapRg/s1600/Ram+Shiv+Murti+Yadav-Azamgarh.JPG"><img style="MARGIN: 0px 10px 10px 0px; WIDTH: 192px; FLOAT: left; HEIGHT: 230px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5689915545291561874" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiwqdNZEcM7cLXEwJIDS7HPWEY_iGFetpiSVqq_DHl7nbgQ9GMTccl0vVarZZTZrqMLG1lHUSFY79sEVOq7NsLyBVOR2-x16A6K1r5XdvC3pumPkxcMAc8G6ShxkjwXNMAm-Wu9c9CapRg/s400/Ram+Shiv+Murti+Yadav-Azamgarh.JPG" /></a>भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 11-12 दिसंबर को दिल्ली के पंचशील आश्रम, झड़ोदा (बुराड़ी) में आयोजित 27 वें राष्ट्रीय दलित साहित्यकार सम्मलेन में सामाजिक न्याय सम्बन्धी लेखन, विशिष्ट कृतित्व, समृद्ध साहित्य-साधना एवं समाज सेवा हेतु आजमगढ़ के श्री राम शिव मूर्ति यादव को ‘’डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011‘‘ से सम्मानित किया गया। उक्त समारोह में केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने श्री यादव को यह सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर ओड़ीशा, महाराष्ट्र, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, केरल तथा आंध्र-प्रदेश के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम कर शमा बांधा.<br /><br />उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्ति पश्चात तहबरपुर-आजमगढ़ जनपद निवासी श्री राम शिव मूर्ति यादव एक लम्बे समय से शताधिक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक विषयों पर प्रखरता से लेखन कर रहे हैं। श्री यादव की ‘सामाजिक व्यवस्था एवं आरक्षण‘ नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। आपके तमाम लेख विभिन्न स्तरीय पुस्तकों और संकलनों में भी प्रकाशित हैं। इसके अलावा आपके लेख इंटरनेट पर भी तमाम चर्चित वेब/ई/ऑनलाइन पत्र-पत्रिकाओं और ब्लॉग पर पढ़े-देखे जा सकते हैं। श्री राम शिव मूर्ति यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और ”यदुकुल” (<a href="http://www.yadukul.blogspot.com/">http://www.yadukul.blogspot.com/</a>) ब्लॉग का आप द्वारा 10 नवम्बर 2008 से सतत संचालन किया जा रहा है।<br /><br />इससे पूर्व श्री राम शिव मूर्ति यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा ‘ज्योतिबाफुले फेलोशिप सम्मान-2007‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, इलाहाबाद द्वारा ‘भारती ज्योति’ सम्मान, आसरा समिति, मथुरा द्वारा ‘बृज गौरव‘, ‘समग्रता‘ शिक्षा साहित्य एवं कला परिषद, कटनी, म0प्र0 द्वारा ’भारत-भूषण’, अम्बेडकरवादी साहित्य को प्रोत्साहित करने एवं तत्संबंधी लेखन हेतु रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष श्री रामदास आठवले द्वारा ‘अम्बेडकर रत्न अवार्ड 2011‘ इत्यादि से सम्मानित किया है।<br /><br />भारतीय दलित साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सोहनपाल सुमनाक्षर ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ॰ फारुख अब्दुल्ला, लोकसभा के उपाध्यक्ष श्री करिया मुंडा एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे । इस सम्मेलन को सुशोभित करने वाले अन्य मुख्य अतिथियों में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं चर्चित दलित साहित्यकार डॉ माता प्रसाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी॰ एल॰ पुनिया, पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ॰ सत्य नारायण जटिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री रामविलास पासवान, दिल्ली विधान सभा उपाध्यक्ष श्री अमरीश सिंह गौतम, त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री श्री अनिल सरकार, महाराष्ट्र के पूर्व समाज कल्याण मंत्री व सम्प्रति विधायक श्री बबनराव घोलप, आर॰ पी॰ आई॰ के अध्यक्ष व पूर्व सांसद श्री रामदास अठावले, गोवा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर श्री शंभुभाऊ बांडेकर, गुरु जम्भेश्वर तकनीकी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ॰ एम॰ एल॰ रंगा, झांसी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो॰ रमेश चन्द्र, दिल्ली की मेयर प्रो॰ रजनी अब्बी एवं लखनऊ के पूर्व मेयर डॉ दाऊजी गुप्ता सहित तमाम साहित्यकार, शिक्षाविद, संस्कृतिकर्मी,पत्रकार इत्यादि उपस्थित थे। इस सम्मेलन में देश के सभी प्रान्तों और संघ शासित प्रदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विदेशों से नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, मारिशस, श्रीलंका इत्यादि देशों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की ।<br /><br />गोवर्धन यादव<br />संयोजक-राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, छिन्दवाड़ा<br />103 कावेरी नगर, छिन्दवाड़ा (म0प्र0)-480001 </div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-91384495559156017612011-12-15T17:25:00.000+05:302013-08-16T12:32:42.036+05:30आकांक्षा यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011‘<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh23ma4O-tnf0WaejPnIMw_4M5Z_2Www9Dr8PolNyXyVjgugMD3vhFczQI3iOP-0_OZDE_gp-oBg0wRxk6ZUxK4YUgSbBPGu2yhRzkpiwgZFaktpYFz8Zfnn30aCPDrvA7tC9WE_r4nH08/s1600/Akanksha-KKYadav.JPG"><img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5686319534097280114" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh23ma4O-tnf0WaejPnIMw_4M5Z_2Www9Dr8PolNyXyVjgugMD3vhFczQI3iOP-0_OZDE_gp-oBg0wRxk6ZUxK4YUgSbBPGu2yhRzkpiwgZFaktpYFz8Zfnn30aCPDrvA7tC9WE_r4nH08/s400/Akanksha-KKYadav.JPG" style="cursor: hand; float: left; height: 400px; margin: 0px 10px 10px 0px; width: 301px;" /></a> <span style="font-size: +0;">भारतीय</span> दलित साहित्य अकादमी ने युवा कवयित्री, साहित्यकार एवं चर्चिर ब्लागर आकांक्षा यादव को ‘’डाॅ0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011‘‘ से सम्मानित किया है। आकांक्षा यादव को यह सम्मान साहित्य सेवा एवं सामाजिक कार्यों में रचनात्मक योगदान के लिए प्रदान किया गया है। उक्त सम्मान भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा 11-12 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित 27 वें राष्ट्रीय दलित साहित्यकार सम्मलेन में केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला द्वारा प्रदान किया गया.<br />
<br />
गौरतलब है कि आकांक्षा यादव की रचनाएँ देश-विदेश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं. नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली आकांक्षा यादव के लेख, कवितायेँ और लघुकथाएं जहाँ तमाम संकलनो / पुस्तकों की शोभा बढ़ा रहे हैं, वहीँ आपकी तमाम रचनाएँ आकाशवाणी से भी तरंगित हुई हैं. पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ अंतर्जाल पर भी सक्रिय आकांक्षा यादव की रचनाएँ इंटरनेट पर तमाम वेब/ई-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर भी पढ़ी-देखी जा सकती हैं. व्यक्तिगत रूप से <a href="http://shabdshikhar.blogspot.com/">‘शब्द-शिखर’ </a>और युगल रूप में <a href="http://balduniya.blogspot.com/">‘बाल-दुनिया’ </a>, <a href="http://saptrangiprem.blogspot.com/">‘सप्तरंगी प्रेम’ </a>व <a href="http://utsavkerang.blogspot.com/">‘उत्सव के रंग’ </a>ब्लॉग का संचालन करने वाली आकांक्षा यादव न सिर्फ एक साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं, बल्कि सक्रिय ब्लागर के रूप में भी उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. 'क्रांति-यज्ञ: 1857-1947 की गाथा‘ पुस्तक का कृष्ण कुमार यादव के साथ संपादन करने वाली आकांक्षा यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डा0 राष्ट्रबन्धु जी ने ‘बाल साहित्य समीक्षा‘ पत्रिका का एक अंक भी विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।<br />
<br />
मूलत: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और गाजीपुर जनपद की निवासी आकांक्षा यादव वर्तमान में अपने पतिदेव <a href="http://www.blogger.com/profile/05702409969031147177">श्री कृष्ण कुमार यादव </a>के साथ अंडमान-निकोबार में रह रही हैं और वहां रहकर भी हिंदी को समृद्ध कर रही हैं. श्री यादव भी हिंदी की युवा पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं और सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. एक रचनाकार के रूप में बात करें तो सुश्री आकांक्षा यादव ने बहुत ही खुले नजरिये से संवेदना के मानवीय धरातल पर जाकर अपनी रचनाओं का विस्तार किया है। बिना लाग लपेट के सुलभ भाव भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें यही आपकी लेखनी की शक्ति है। उनकी रचनाओं में जहाँ जीवंतता है, वहीं उसे सामाजिक संस्कार भी दिया है।<br />
<br />
इससे पूर्व भी आकांक्षा यादव को विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, ‘‘एस0एम0एस0‘‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार, इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा ‘‘साहित्य गौरव‘‘ व ‘‘काव्य मर्मज्ञ‘‘, श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति साहित्यमाला, कानपुर द्वारा ‘‘साहित्य श्री सम्मान‘‘, मथुरा की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘‘आसरा‘‘ द्वारा ‘‘ब्रज-शिरोमणि‘‘ सम्मान, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ द्वारा ‘‘साहित्य मनीषी सम्मान‘‘ व ‘‘भाषा भारती रत्न‘‘, छत्तीसगढ़ शिक्षक-साहित्यकार मंच द्वारा ‘‘साहित्य सेवा सम्मान‘‘, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़ द्वारा ‘‘देवभूमि साहित्य रत्न‘‘, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना द्वारा ‘‘उजास सम्मान‘‘, ऋचा रचनाकार परिषद, कटनी द्वारा ‘‘भारत गौरव‘‘, अभिव्यंजना संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘काव्य-कुमुद‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘‘शब्द माधुरी‘‘, महिमा प्रकाशन, दुर्ग-छत्तीसगढ द्वारा ’महिमा साहित्य भूषण सम्मान’ , अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था, ठाणे, महाराष्ट्र द्वारा ‘‘सरस्वती रत्न‘‘, अन्तज्र्योति सेवा संस्थान गोला-गोकर्णनाथ, खीरी द्वारा श्रेष्ठ कवयित्री की मानद उपाधि. जीवी प्रकाशन, जालंधर द्वारा 'राष्ट्रीय भाषा रत्न' इत्यादि शामिल हैं.<br />
<br />
आकांक्षा यादव को इस सम्मान-उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ !!<br />
<br />
<a href="http://shabdasahitya.blogspot.com/">प्रस्तुति - शब्द साहित्य : रत्नेश कुमार मौर्य </a></div>
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Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-65756601289540142822011-11-16T18:31:00.000+05:302011-11-16T18:31:17.029+05:30नन्हीं प्रतिभा को सलाम : अक्षिता को 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार'<div align="justify"><span style="color:#000099;">(बाल दिवस, 14 नवम्बर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री माननीया कृष्णा तीरथ जी ने </span><a href="http://pakhi-akshita.blogspot.com/"><span style="color:#000099;">अक्षिता (पाखी)</span></a><span style="color:#000099;"> को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011 से पुरस्कृत किया. अक्षिता इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की प्रतिभा है.यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया)<br /></div><br /><br /><br /><p align="justify"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 283px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675543533515043250" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBJs8gMvive5FjtYQHismpAdWZhwG2ZxzUVebOuJNoQMB8OMJqEw_qsgz5IEb9tagqoQMYWEQo6L4cZFgzXZHZg6ZN1cMlsILqeD_Skg1NJjNjDz99jH5_O_IhdTli9JXc8vVZHo254tw/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-1.jpg" /> आज के आधुनिक दौर में बच्चों का सृजनात्मक दायरा बढ़ रहा है. वे न सिर्फ देश के भविष्य हैं, बल्कि हमारे देश के विकास और समृद्धि के संवाहक भी. जीवन के हर क्षेत्र में वे अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं. बेटों के साथ-साथ बेटियाँ भी जीवन की हर ऊँचाइयों को छू रही हैं. ऐसे में वर्ष 1996 से हर वर्ष शिक्षा, संस्कृति, कला, खेल-कूद तथा संगीत आदि के क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों हेतु हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' आरम्भ किये गए हैं। चार वर्ष से पन्द्रह वर्ष की आयु-वर्ग के बच्चे इस पुरस्कार को प्राप्त करने के पात्र हैं.<br /><br />वर्ष 2011 के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा प्रदान किये गए. विभिन्न राज्यों से चयनित कुल 27 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए, जिनमें <strong><span style="color:#000099;">मात्र 4 साल 8 माह की आयु में सबसे कम उम्र में पुरस्कार प्राप्त कर अक्षिता (पाखी) ने एक कीर्तिमान स्थापित किया.</span></strong> गौरतलब है कि इन 27 प्रतिभाओं में से 13 लडकियाँ चुनी गई हैं। </p><br /><br /><p align="justify"><br />सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारतीय डाक सेवा के निदेशक और चर्चित लेखक, साहित्यकार, व ब्लागर <a href="http://kkyadav.blogspot.com/">कृष्ण कुमार यादव </a>एवं लेखिका व ब्लागर <a href="http://shabdshikhar.blogspot.com/">आकांक्षा यादव </a>की सुपुत्री और पोर्टब्लेयर में कारमेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा अक्षिता (पाखी) को यह पुरस्कार कला और ब्लागिंग के क्षेत्र में उसकी विलक्षण उपलब्धि के लिए दिया गया है. इस अवसर पर जारी बुक आफ रिकार्ड्स के अनुसार- ''25 मार्च, 2007 को जन्मी अक्षिता में रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी हुई है। ड्राइंग, संगीत, यात्रा इत्यादि से सम्बंधित उनकी गतिविधियाँ उनके ब्लाॅग ’पाखी की दुनिया (<a href="http://pakhi-akshita.blogspot.com/">http://pakhi-akshita.blogspot.com/</a>) पर उपलब्ध हैं, जो 24 जून, 2009 को आरंभ हुआ था। इस पर उन्हें अकल्पनीय प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। 175 से अधिक ब्लाॅगर इससे जुडे़ हैं। इनके ब्लाॅग 70 देशों के 27000 से अधिक लोगों द्वारा देखे गए हैं। अक्षिता ने नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में 2010 का ’हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना का सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार’ भी जीता है।इतनी कम उम्र में अक्षिता के एक कलाकार एवं एक ब्लाॅगर के रूप में असाधारण प्रदर्शन ने उन्हें उत्कृष्ट उपलब्धि हेतु 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2011' दिलाया।''इसके तहत अक्षिता को भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया.<br /><br />यही नहीं <strong><span style="color:#000099;">यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया.</span></strong> अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' (<a href="http://www.pakhi-akshita.blogspot.com/">www.pakhi-akshita.blogspot.com/</a>) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है और इस ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.<br /><br />नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) को इस गौरवमयी उपलब्धि पर ढेरों प्यार और शुभाशीष व बधाइयाँ !!<br />********************************************<br /><br />मंत्री जी भी अक्षिता (पाखी) के प्रति अपना प्यार और स्नेह न छुपा सकीं, कुछ चित्रमय झलकियाँ....<br /></p><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjotDq9LvAwfpwmuBs8FBOsrKvi1gmIYcl_-PGtnah6-G1-vXc1glMq6igNZDA2vT3mFmMxY9zFzhtnX8t8X3o4-U2m9aWJdEjeXJB29DlhUKmDMATQHn4nKM7ES547qn12pWL54Nu7ASo/s1600/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-3.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 292px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675545676790820434" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjotDq9LvAwfpwmuBs8FBOsrKvi1gmIYcl_-PGtnah6-G1-vXc1glMq6igNZDA2vT3mFmMxY9zFzhtnX8t8X3o4-U2m9aWJdEjeXJB29DlhUKmDMATQHn4nKM7ES547qn12pWL54Nu7ASo/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-3.jpg" /></a><br /><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjm3xmxSATrWx2tUArxLWygnO0dmIUFLbWZU05xKocSBIZeLSo6meodTL0d7OPjqSDtpfRPsSSN_eTehNzlBNDIZG07pjDNyB7VM4ru1bsh0BFTSWVCKV4Q_yxKLdRgmLbg9zGoSX9lCn4/s1600/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-4.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 288px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675546661390966962" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjm3xmxSATrWx2tUArxLWygnO0dmIUFLbWZU05xKocSBIZeLSo6meodTL0d7OPjqSDtpfRPsSSN_eTehNzlBNDIZG07pjDNyB7VM4ru1bsh0BFTSWVCKV4Q_yxKLdRgmLbg9zGoSX9lCn4/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-4.jpg" /></a><br /><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjONL0ouhcF5y_L0TAdR2gEXEL04Wf0tVwZhzJcqi5av9vb_dJkpA2U2p-s7mC5V1nDLE21NmmYoRLvycTpPgv027xeu5cvodu7v2_zJTQhxh_6s4Cr6iRivmTryGzRyVBe9hE4rYmnfuY/s1600/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-2.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 290px; DISPLAY: block; HEIGHT: 400px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675544447999127938" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjONL0ouhcF5y_L0TAdR2gEXEL04Wf0tVwZhzJcqi5av9vb_dJkpA2U2p-s7mC5V1nDLE21NmmYoRLvycTpPgv027xeu5cvodu7v2_zJTQhxh_6s4Cr6iRivmTryGzRyVBe9hE4rYmnfuY/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-2.jpg" /></a><br /><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBJs8gMvive5FjtYQHismpAdWZhwG2ZxzUVebOuJNoQMB8OMJqEw_qsgz5IEb9tagqoQMYWEQo6L4cZFgzXZHZg6ZN1cMlsILqeD_Skg1NJjNjDz99jH5_O_IhdTli9JXc8vVZHo254tw/s1600/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-1.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 283px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675543533515043250" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBJs8gMvive5FjtYQHismpAdWZhwG2ZxzUVebOuJNoQMB8OMJqEw_qsgz5IEb9tagqoQMYWEQo6L4cZFgzXZHZg6ZN1cMlsILqeD_Skg1NJjNjDz99jH5_O_IhdTli9JXc8vVZHo254tw/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-1.jpg" /></a><br /><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi51EnztlqAw3HJrYuVzt57pOR2APieApYNuIRM3a3ZtDhiPWCy0gwgjmXMCsyKw1d7otDub0-jWTYuOcBg9eaUlzCiIUS1MSE1OfMsv06F6LhqmxHPJEN2qR1HNTpovuVoOCsxNhtTvO4/s1600/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-6.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 290px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675550167773927474" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi51EnztlqAw3HJrYuVzt57pOR2APieApYNuIRM3a3ZtDhiPWCy0gwgjmXMCsyKw1d7otDub0-jWTYuOcBg9eaUlzCiIUS1MSE1OfMsv06F6LhqmxHPJEN2qR1HNTpovuVoOCsxNhtTvO4/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-6.jpg" /></a><br /><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEihKiwMFGNsQapYQ4sYQSTori-JUDo6yBDlMPYO23d4MET1XOfNUyOmoqmTV49e8KHhy2lQ7TXMDrzwoUz5slLdRKBXkc4g5wKphcqtplD04L1X2eG88GpY3GBqnFfA_jJnPvL0eyzDdV8/s1600/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-5.jpg"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 276px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5675548890102125970" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEihKiwMFGNsQapYQ4sYQSTori-JUDo6yBDlMPYO23d4MET1XOfNUyOmoqmTV49e8KHhy2lQ7TXMDrzwoUz5slLdRKBXkc4g5wKphcqtplD04L1X2eG88GpY3GBqnFfA_jJnPvL0eyzDdV8/s400/National+Child+Award-Akshita-Pakhi-Yadav-Krishna+Tirth-Vigyan+Bhavan-Delhi-5.jpg" /></a><br /><br /><br /></span>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com9tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-76567399642711197912011-11-09T17:03:00.001+05:302011-11-09T17:05:00.614+05:30नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) को अब 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार'<div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEic9vFTIHS4MgCeBK3IXnPkLJRnbRtbUKk4FLU-cqRBU_Kpghltj5Jt8GV7kM-fze_i3_07m5UFVOOJdlXGgSEGaEXTJUbnGcBVC4__gaz8sdIAaDV3s1hj1WmqppvboBDLQNRafkN-mLc/s1600/National+Child+Award-2011-Akshita-Pakhi-Yadav-Blogging.JPG"><img style="MARGIN: 0px 10px 10px 0px; WIDTH: 400px; FLOAT: left; HEIGHT: 268px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5672951914745117378" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEic9vFTIHS4MgCeBK3IXnPkLJRnbRtbUKk4FLU-cqRBU_Kpghltj5Jt8GV7kM-fze_i3_07m5UFVOOJdlXGgSEGaEXTJUbnGcBVC4__gaz8sdIAaDV3s1hj1WmqppvboBDLQNRafkN-mLc/s400/National+Child+Award-2011-Akshita-Pakhi-Yadav-Blogging.JPG" /></a><br />प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती. तभी तो पाँच वर्षीया नन्हीं ब्लागर <a href="http://pakhi-akshita.blogspot.com/">अक्षिता (पाखी)</a> को वर्ष 2011 हेतु राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (National Child Award) के लिए चयनित किया गया है. सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारतीय डाक सेवा के निदेशक और चर्चित लेखक, साहित्यकार, व ब्लागर <a href="http://kkyadav.blogspot.com/">कृष्ण कुमार यादव </a>एवं लेखिका व ब्लागर <a href="http://shabdshikhar.blogspot.com/">आकांक्षा यादव </a>की सुपुत्री अक्षिता को यह पुरस्कार 'कला और ब्लागिंग' (Excellence in the Field of Art and Blogging) के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि के लिए बाल दिवस, 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीर्थ जी द्वारा प्रदान किया जायेगा. इसके तहत अक्षिता को 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र दिया जायेगा.<br /><br />यह प्रथम अवसर होगा, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया जायेगा. अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' (www.pakhi-akshita.blogspot.com/) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है. फ़िलहाल अक्षिता पोर्टब्लेयर में कारमेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा हैं और उनके इस ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.<br /><br />नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) को इस गौरवमयी उपलब्धि पर अनेकोंनेक शुभकामनायें और बधाइयाँ !!<br /></div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-24927383866303665562011-09-24T14:57:00.002+05:302011-09-24T15:06:50.109+05:30हिंदी-ब्लागिंग का 'युवा-मन': अमित कुमार यादव<div align="justify"><span style="color:#000099;">हिंदी-ब्लागिंग जगत में कुछेक नाम ऐसे हैं, जो बिना किसी शोर-शराबे के हिंदी साहित्य और हिंदी ब्लागिंग को समृद्ध करने में जुटे हुए हैं. इन्हीं में से एक नाम है- सामुदायिक ब्लॉग </span><a href="http://yuva-jagat.blogspot.com/"><span style="color:#000099;">"युवा-मन"</span></a><span style="color:#000099;"> के माडरेटर अमित कुमार यादव का. संयोगवश आज उनका जन्मदिन भी है. अत: जन्म-दिन की बधाइयों के साथं आज की यह पोस्ट उन्हीं के व्यक्तित्व के बारे में- </span><br /><br /></div><br /><br /><div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZv02YMuVQPMpB6Klfw6rVbo4uWh0H9SnXtz_JfV32WVr03WO3iRjg98vnnIqTTw_NFUtrBzVkX23ARl7dz0VfOtjQlNOSm21e6sZTb_kM9fsyQJbGFqO38O2NNXKdgw-pVgD-rBOdh1o/s1600/Amit+Kumar+Yadav.jpg.jpg"><img style="MARGIN: 0px 10px 10px 0px; WIDTH: 196px; FLOAT: left; HEIGHT: 230px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5655845234324867154" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZv02YMuVQPMpB6Klfw6rVbo4uWh0H9SnXtz_JfV32WVr03WO3iRjg98vnnIqTTw_NFUtrBzVkX23ARl7dz0VfOtjQlNOSm21e6sZTb_kM9fsyQJbGFqO38O2NNXKdgw-pVgD-rBOdh1o/s400/Amit+Kumar+Yadav.jpg.jpg" /></a> <a href="http://www.blogger.com/profile/13738311398018201654">अमित कुमार यादव </a>: 24 सितम्बर, 1986 को तहबरपुर, आजमगढ़ (उ.प्र.) के एक प्रतिष्ठित परिवार में श्री राम शिव मूर्ति यादव एवं श्रीमती बिमला यादव के सुपुत्र-रूप में जन्म। आरंभिक शिक्षा बाल विद्या मंदिर, तहबरपुर-आजमगढ़, आदर्श जूनियर हाई स्कूल, तहबरपुर-आजमगढ़, राष्ट्रीय इंटर कालेज, तहबरपुर-आजमगढ़ एवं तत्पश्चात इलाहाबाद वि.वि. से 2007में स्नातक और इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से 2010 में लोक प्रशासन में एम.ए.। फ़िलहाल अध्ययन के क्रम में इलाहाबाद और प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी।<br /><br />अध्ययन और लेखन अभिरुचियों में शामिल. सामाजिक-साहित्यिक-सामयिक विषयों पर लिखी पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएं पढने का शगल, फिर वह चाहे प्रिंटेड हो या अंतर्जाल पर। तमाम पत्र-पत्रिकाओं , पुस्तकों/संकलनों एवं वेब-पत्रिकाओं, ई-पत्रिकाओं और ब्लॉग पर रचनाएँ प्रकाशित। वर्ष 2005 में 'आउटलुक साप्ताहिक पाठक मंच' का इलाहाबाद में गठन और इसकी गतिविधियों के माध्यम से सक्रिय। जुलाई-2006 में प्रतिष्ठित हिंदी पत्रिका 'आउटलुक' द्वारा एक प्रतियोगिता में पुरस्कृत, जो कि शैक्षणिक गतिविधियों से परे जीवन का प्रथम पुरस्कार। ब्लागिंग में भी सक्रियता और सामुदायिक ब्लॉग <a href="http://yuva-jagat.blogspot.com/">"युवा-मन"</a> (http://yuva-jagat.blogspot.com) के माडरेटर। 21 दिसंबर 2008 को आरंभ इस ब्लॉग पर 250 के करीब पोस्ट प्रकाशित और 110 से ज्यादा फालोवर।<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg8nvipgU8QXgWWQPCTZgPZSDxWzzHsG1OVfdrvj38-tWFgWgOMIb_k85qRjcBjQfG1o4nrlrbFxEnfmLwbH15RTwxcB9tDert9-daiAcLr21VYawn2m11c5zNXLB1hj-amgG1konUSEi4/s1600/Amit+Kumar+Yadav-Parikalpana.JPG"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 268px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5655850512630980562" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg8nvipgU8QXgWWQPCTZgPZSDxWzzHsG1OVfdrvj38-tWFgWgOMIb_k85qRjcBjQfG1o4nrlrbFxEnfmLwbH15RTwxcB9tDert9-daiAcLr21VYawn2m11c5zNXLB1hj-amgG1konUSEi4/s400/Amit+Kumar+Yadav-Parikalpana.JPG" /></a>अपने बारे में स्वयं अमित कुमार एक जगह लिखते हैं, मूलत: आजमगढ़ का ...जी हाँ वही आजमगढ़ जिसकी पहचान राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय "हरिऔध", शिबली नोमानी, कैफी आज़मी जैसे लोगों से रही है। पर इस संक्रमण काल में इस पहचान के बारे में न ही पूछिये तो बेहतर है। आजकल आजमगढ़ की चर्चा दूसरे मुद्दों को लेकर है। फ़िलहाल हमने अभी तो जीवन के रंग देखने आरम्भ किये हैं, आगे-आगे देखिये होता क्या है। नौजवानी है सो जोश है, हौसला है और विचार हैं।<br /><br />ई-मेलः amitky86@rediffmail.com<br />ब्लॉग : <a href="http://yuva-jagat.blogspot.com/">http://yuva-jagat.blogspot.com/</a> (युवा-मन)<br /></div><br /><br /><br /><div align="justify"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiuGV1E-nwdfAZ50pyvggP1h5MgYS-13sMyXnI7e2_-Xv1sZqHen5LPvpto2lpMqJSQWJN8RUMF8vcUwlBWYiJPW4c5pSsKZWP1JEJ0E_dibCpMQ14_UGf6FtCZVtKOXXUXuvYzskdhjBxv/s1600/akshita.jpg"><img style="MARGIN: 0px 10px 10px 0px; WIDTH: 400px; FLOAT: left; HEIGHT: 219px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5604595842099695586" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiuGV1E-nwdfAZ50pyvggP1h5MgYS-13sMyXnI7e2_-Xv1sZqHen5LPvpto2lpMqJSQWJN8RUMF8vcUwlBWYiJPW4c5pSsKZWP1JEJ0E_dibCpMQ14_UGf6FtCZVtKOXXUXuvYzskdhjBxv/s400/akshita.jpg" /></a> (चित्र में : हिंदी भवन, दिल्ली में 'हिंदी साहित्य निकेतन', परिकल्पना डाट काम, और नुक्कड़ डाट काम द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मलेन में श्रेष्ठ नन्हीं ब्लागर <a href="http://pakhi-akshita.blogspot.com/">अक्षिता (पाखी)</a> की तरफ से उत्तरांचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल 'निशंक', वरिष्ठ <a href="http://yuva-jagat.blogspot.com/">साहित्यकार</a> डा. रामदरश मिश्र, डा. अशोक चक्रधर इत्यादि द्वारा सम्मान ग्रहण करते अमित कुमार यादव)<br /><br /><a href="http://shabdasahitya.blogspot.com/">प्रस्तुति : रत्नेश कुमार मौर्य : 'शब्द-साहित्य' </a></div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-45237206334431642102011-09-15T16:12:00.000+05:302011-09-15T16:14:42.792+05:30अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में हिन्दी-दिवस का आयोजन<div align="justify">अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में निदेशक डाक सेवा कार्यालय में हिन्दी-दिवस का आयोजन किया गया। चर्चित साहित्यकार और निदेशक डाक सेवाएँ श्री <a href="http://www.kkyadav.blogspot.com/">कृष्ण कुमार यादव </a>ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और पारंपरिक द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के आरंभ में अपने स्वागत भाषण में सहायक डाक अधीक्षक श्री ए. के़. प्रशान्त ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर किया कि निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव स्वयं हिन्दी के सम्मानित लेखक और साहित्यकार हैं, ऐसे में द्वीप-समूह में राजभाषा हिन्दी के प्रति लोगों को प्रवृत्त करने में उनका पूरा मार्गदर्शन मिल रहा है। हिन्दी की कार्य-योजना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को सर्वसम्मति से हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया था, तब से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर जोर दिया गया कि राजभाषा हिंदी अपनी मातृभाषा है, इसलिए इसका सम्मान करना चाहिए और बहुतायत में प्रयोग करना चाहिए। <a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj5qFswsHYOtF1mGGNuGGQZX5uurvnzm0Enh2kAKztAhbKdbf2KbbTxnsKZAkwX6bxIoUZL793pNpcrkvxTknn8sVmSI1nLtbVAi5I6LPKCC6a5gwn0eL9Na8WZ-OZ7u9ANpdl3YrAaV0A/s1600/Hindi+Diwas-Address+of+KK+Yadav%252C+Director.JPG"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 300px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5652531631559044882" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj5qFswsHYOtF1mGGNuGGQZX5uurvnzm0Enh2kAKztAhbKdbf2KbbTxnsKZAkwX6bxIoUZL793pNpcrkvxTknn8sVmSI1nLtbVAi5I6LPKCC6a5gwn0eL9Na8WZ-OZ7u9ANpdl3YrAaV0A/s400/Hindi+Diwas-Address+of+KK+Yadav%252C+Director.JPG" /></a>इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक डाक सेवाएँ और चर्चित साहित्यकार साहित्यकार व ब्लागर श्री <a href="http://www.dakbabu.blogspot.com/">कृष्ण कुमार यादव </a>ने हिन्दी को जन-जन की भाषा बनाने पर जोर दिया। अंडमान-निकोबार में हिन्दी के बढ़ते कदमों को भी उन्होंने रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमें हिन्दी से जुड़े आयोजनों को उनकी मूल भावना के साथ स्वीकार करना चाहिए। स्वयं डाक-विभाग में साहित्य सृजन की एक दीर्घ परम्परा रही है और यही कारण है कि तमाम मशहूर साहित्यकार इस विशाल विभाग की गोद में अपनी काया का विस्तार पाने में सफल रहे हें। इनमें प्रसिद्ध साहित्यकार व ‘नील दर्पण‘ पुस्तक के लेखक दीनबन्धु मित्र, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लोकप्रिय तमिल उपन्यासकार पी0वी0अखिलंदम, राजनगर उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित अमियभूषण मजूमदार, फिल्म निर्माता व लेखक पद्मश्री राजेन्द्र सिंह बेदी, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी, सुविख्यात उर्दू समीक्षक शम्सुररहमान फारूकी, शायर कृष्ण बिहारी नूर जैसे तमाम मूर्धन्य नाम शामिल रहे हैं। उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द जी के पिता अजायबलाल भी डाक विभाग में ही क्लर्क रहे।<br /><br />निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने अपने उद्बोधन में बदलते परिवेश में हिन्दी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि- भूमण्डलीकरण के दौर में दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र, सर्वाधिक जनसंख्या वाले राष्ट्र और सबसे बडे़ उपभोक्ता बाजार की भाषा हिन्दी को नजर अंदाज करना अब सम्भव नहीं रहा। आज की हिन्दी ने बदलती परिस्थितियों में अपने को काफी परिवर्तित किया है। विज्ञान-प्रौद्योगिकी से लेकर तमाम विषयों पर हिन्दी की किताबें अब उपलब्ध हैं, पत्र-पत्रिकाओं का प्रचलन बढ़ा है, इण्टरनेट पर हिन्दी की बेबसाइटों और ब्लॉग में बढ़ोत्तरी हो रही है, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई कम्पनियों ने हिन्दी भाषा में परियोजनाएं आरम्भ की हैं। निश्चिततः इससे हिन्दी भाषा को एक नवीन प्रतिष्ठा मिली है। मनोरंजन और समाचार उद्योग पर हिन्दी की मजबूत पकड़ ने इस भाषा में सम्प्रेषणीयता की नई शक्ति पैदा की है पर वक्त के साथ हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में विकसित करने हेतु हमें भाषाई शुद्धता और कठोर व्याकरणिक अनुशासन का मोह छोड़ते हुए उसका नया विशिष्ट स्वरूप विकसित करना होगा अन्यथा यह भी संस्कृत की तरह विशिष्ट वर्ग तक ही सिमट जाएगी। श्री यादव ने जोर देकर कहा कि साहित्य का सम्बन्ध सदैव संस्कृति से रहा है और हिन्दी भारतीय संस्कृति की अस्मिता की पहचान है। निज भाषा उन्नति अहै, सब भाषन को मूल......आज वाकई इस बात को अपनाने की जरूरत है।<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgxGhqEeqPwbmOowLwRQCcq1GK4yV2Fpv_gdA9ir2aMm3m7A3X3edZhutQtg7ssBnjMuYYsdEDz1cnZvUQW8_QAmai7QHadwzFa0dP8Se72nKA8PpGlZp22KLMKlpMyPJtP0iiv060CYC4/s1600/Hindi+Diwas-Director+Postal+Services.JPG"><img style="TEXT-ALIGN: center; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 400px; DISPLAY: block; HEIGHT: 300px; CURSOR: hand" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5652533669553368498" border="0" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgxGhqEeqPwbmOowLwRQCcq1GK4yV2Fpv_gdA9ir2aMm3m7A3X3edZhutQtg7ssBnjMuYYsdEDz1cnZvUQW8_QAmai7QHadwzFa0dP8Se72nKA8PpGlZp22KLMKlpMyPJtP0iiv060CYC4/s400/Hindi+Diwas-Director+Postal+Services.JPG" /></a>इस अवसर पर निदेशक डाक सेवा कार्यालय के कार्यालय सहायक श्री किशोर वर्मा ने कहा कि आज हिन्दी भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में अपनी पताका फहरा रही है और इस क्षेत्र में सभी से रचनात्मक कदमों की आशा की जाती है। इस अवसर पर डाकघर के कर्मचारियों में हिंदी के प्रति सुरुचि जाग्रति करने के लिए दिनांक 14.9.11 से 28.9.11 तक विभिन्न प्रतियोगिताएं की जा रही हैं जैसे, श्रुतलेख, भाषण, हिन्दी टंकण, पत्र लेखन,हिन्दी निबंध, परिचर्चा। इस कार्यक्रम में प्रायः डाक विभाग के सभी कर्मचारी भाग ले रहें है।<br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /></div>Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-3424652153331186840.post-72845324836448325622011-08-10T10:07:00.000+05:302013-08-16T12:30:54.571+05:30प्रशासन और साहित्य का अदभुत संगम : कृष्ण कुमार यादव<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg6iLbErMEIhyrP8rk5xt4E-sJIO4p3tFIq2NdfD77w3whTfFOwz_sU2YXDH12iXBWHy0VzaTRggXFY0mwpetgj_zf1DvUdqVDJKmIl5DKpbEQaK-rUI5KdlGIa5RPuA_Y9kCjZdryedEE/s1600/Krishna+Kumar+Yadav-KK+yadav-Director.JPG" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg6iLbErMEIhyrP8rk5xt4E-sJIO4p3tFIq2NdfD77w3whTfFOwz_sU2YXDH12iXBWHy0VzaTRggXFY0mwpetgj_zf1DvUdqVDJKmIl5DKpbEQaK-rUI5KdlGIa5RPuA_Y9kCjZdryedEE/s320/Krishna+Kumar+Yadav-KK+yadav-Director.JPG" width="205" /></a><br />
प्रशासनिक सेवा में रहकर चिन्तन मनन करना एवं साहित्यिक लेखन करना अपने आप में एक विशिष्ट उपलब्धि है। राजकीय सेवा के दायित्वों का निर्वहन और श्रेष्ठ कृतियों की सर्जना का यह मणि-कांचन योग विरले ही मिलता है। कृष्ण कुमार यादव इस विरल योग के ही प्रतीक हैं। सम्प्रति आप भारतीय डाक सेवा के अधिकारी के रूप में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. देश की तमाम प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन के अलावा उनके कृतित्व में एक काव्यसंकलन "अभिलाषा" सहित दो निबंध-संकलन "अभिव्यक्तियों के बहाने" तथा "अनुभूतियाँ और विमर्श" एवं संपादित कृति "क्रांति-यज्ञ" का प्रकाशन शामिल है. इसके अलावा भारतीय डाक पर अंग्रेजी में लिखी उनकी पुस्तक ''India Post : 150 Glorious Years'' काफी चर्चित रही है. विभिन्न संकलनों में इनकी रचनाएँ सुशोभित हैं तो आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर, पोर्टब्लेयर से समय-समय पर कविताओं, सामयिक लेख, वार्ता का भी प्रसारण होता रहा है. अंतर्जाल पर <a href="http://www.kkyadav.blogspot.com/" style="text-align: left;">'शब्द सृजन की ओर'</a><span style="text-align: left;">,</span><span style="text-align: left;"> </span><a href="http://dakbabu.blogspot.com/" style="text-align: left;">'डाकिया डाक लाया'</a><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">और</span><span style="text-align: left;"> </span><a href="http://azamgarhbloggers.blogspot.com/" style="text-align: left;">'आजमगढ़ ब्लागर्स एसोसिएशन'</a><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">ब्लॉग का सञ्चालन भी कर रहे हैं।</span><br />
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श्री यादव के इस बहुआयामी व्यक्तित्व के चलते ही उनके व्यक्तित्व-कृतित्व पर "बाल साहित्य समीक्षा (संपादक : डा0 राष्ट्रबंधु, कानपुर)" व "गुफ्तगू (संपादक : मुo गाजी, इलाहाबाद)" पत्रिकाओं द्वारा विशेषांक जारी किये गए हैं तो शोधार्थियों हेतु व्यक्तित्व-कृतित्व पर इलाहाबाद से "बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव" (सं0- दुर्गाचरण मिश्र) पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है. श्री यादव को साहित्य विरासत की बजाय आत्मान्वेषण और आत्मभिव्यक्ति के संघर्ष से प्राप्त हुआ है। निरन्तर सजग होते आत्मबोध ने उनकी विलक्षण रचनाधर्मिता को प्रखरता और सोद्देश्यता से सम्पन्न किया है। उनकी रचनाओं में मात्र कोरी बौद्धिकता नहीं, जीवन सम्बन्धी आत्मीय अनुभूतियाँ हैं, संवेदनात्मक संस्पर्श हैं, सामाजिक संचेतना है, समय की जटिलताओं के मध्य भावों की संप्रेषणीयता है। सारगर्भित, सुन्दर, सुस्पष्ट व सार्थक रूप में इन रचनाओं में जीवन की लय है, विचार हैं, प्रभान्विति है, जिसके चलते अपनी रचनाओं में श्री यादव विषय-वस्तुओं का यथार्थ विशेलषण करते हुये उनका असली चेहरा पाठकों के सामने प्रस्तुत करते हैं। <span style="color: #990000;">बकौल पद्मभूषण गोपाल दास ‘नीरज‘ -‘‘कृष्ण कुमार यादव यद्यपि एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी हैं, किन्तु फिर भी उनके भीतर जो एक सहज कवि है वह उन्हें एक श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में प्रस्तुत करने के लिए निरन्तर बेचैन रहता है। उनमें बुद्धि और हृदय का एक अपूर्व सन्तुलन है। वो व्यक्तिनिष्ठ नहीं समाजनिष्ठ कवि हैं जो वर्तमान परिवेश की विद्रूपताओं, विसंगतियों, षडयन्त्रों और पाखण्डों का बड़ी मार्मिकता के साथ उद्घाटन करते हैं।’’ </span></div>
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<br /><span style="color: #3333ff;">आज कृष्ण कुमार जी का जन्म-दिन है. कृष्ण कुमार जी को जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं! आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके , आकांक्षा जी, अक्षिता (पाखी) और तन्वी के जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आए! इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ सपरिवार, आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे !!
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