शनिवार, नवंबर 03, 2012

ब्लागर दम्पति आकांक्षा-कृष्ण कुमार यादव को उ. प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान'

(हिंदी-ब्लागिंग को कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा जी ने कई नए आयाम दिए हैं..उसी कड़ी में ब्लागिंग के प्रति समर्पित दम्पति कृष्ण कुमार और आकांक्षा जी को उ.प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान' से अलंकृत करने पर हार्दिक बधाइयाँ.)



जीवन में कुछ करने की चाह हो तो रास्ते खुद-ब-खुद बन जाते हैं। हिन्दी-ब्लागिंग के क्षेत्र में ऐसा ही रास्ता अखि़्तयार किया दम्पति कृष्ण कुमार यादव व आकांक्षा यादव ने। उनके इस जूनून के कारण ही आज हिंदी ब्लागिंग को आधिकारिक तौर पर भी विधा के रूप में मान्यता मिलने लगी है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 1 नवम्बर, 2012 को इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव को ‘न्यू मीडिया एवं ब्लागिंग’ में उत्कृष्टता के लिए एक भव्य कार्यक्रम में ‘अवध सम्मान’ से सम्मानित किया गया. जी न्यूज़ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन ताज होटल, लखनऊ में किया गया था, जिसमें विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया, पर यह पहली बार हुआ जब किसी दम्पति को युगल रूप में यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया. ब्लागर दम्पति को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहाँ न्यू मीडिया के रूप में ब्लागिंग की सराहना की, वहीँ कृष्ण कुमार यादव ने अपने संबोधन में उनसे उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा दिए जा रहे सम्मानों में ‘ब्लागिंग’ को भी शामिल करने का अनुरोध किया. आकांक्षा यादव ने न्यू मीडिया और ब्लागिंग के माध्यम से भ्रूण-हत्या, नारी-उत्पीडन जैसे मुद्दों के प्रति सचेत करने की बात कही. अन्य सम्मानित लोगों में वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी, चर्चित लोकगायिका मालिनी अवस्थी, ज्योतिषाचार्य पं. के. ए. दुबे पद्मेश, वरिष्ठ आई.एस. अधिकारी जय शंकर श्रीवास्तव इत्यादि प्रमुख रहे.

जीवन में एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खा चुके कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव, साहित्य और ब्लागिंग में भी हमजोली बनकर उभरे हैं. कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग और हिन्दी-साहित्य में एक चर्चित नाम हैं, जिनकी 6 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । उनके जीवन पर एक पुस्तक ’बढ़ते चरण शिखर की ओर’ भी प्रकाशित हो चुकी है। आकांक्षा यादव भी नारी-सशक्तीकरण को लेकर प्रखरता से लिखती हैं और उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव ने वर्ष 2008 में ब्लाग जगत में कदम रखा और 5 साल के भीतर ही सपरिवार विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लागिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लागिंग को भी नये आयाम दिये। कृष्ण कुमार यादव का ब्लॉग ‘शब्द-सृजन की ओर’ (http://www.kkyadav.blogspot.in/) जहाँ उनकी साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम गतिविधियों से रूबरू करता है, वहीँ ‘डाकिया डाक लाया’ (http://dakbabu.blogspot.in/) के माध्यम से वे डाक-सेवाओं के अनूठे पहलुओं और अन्य तमाम जानकारियों को सहेजते हैं. आकांक्षा यादव अपने व्यक्तिगत ब्लॉग ‘शब्द-शिखर’ (http://shabdshikhar.blogspot.in/) पर साहित्यिक रचनाओं के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों और विशेषत: नारी-सशक्तिकरण को लेकर काफी मुखर हैं. इस दम्पति के ब्लागों को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भरपूर सराहना मिली। कृष्ण कुमार यादव के ब्लाग ’डाकिया डाक लाया’ को 98 देशों, ’शब्द सृजन की ओर’ को 75 देशों, आकांक्षा यादव के ब्लाग ’शब्द शिखर’ को 68 देशों में देखा-पढ़ा जा चुका है. सबसे रोचक तथ्य यह है कि यादव दम्पति ने अभी से अपनी सुपुत्री अक्षिता (पाखी) में भी ब्लागिंग को लेकर जूनून पैदा कर दिया है. पिछले वर्ष ब्लागिंग हेतु भारत सरकार द्वारा ’’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’’ से सम्मानित अक्षिता (पाखी) का ब्लाग ’पाखी की दुनिया’ (http://pakhi-akshita.blogspot.in/) बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी काफी लोकप्रिय है और इसे 98 देशों में देखा-पढ़ा जा चुका है। इसके अलावा इस ब्लागर दम्पति द्वारा ‘उत्सव के रंग’, ‘बाल-दुनिया’, ‘सप्तरंगी प्रेम’ इत्यादि ब्लॉगों का भी सञ्चालन किया जाता है.

इस अवसर पर उ.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, रीता बहुगुणा जोशी, प्रमोद तिवारी, केबिनेट मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, अनुप्रिया पटेल, मेयर दिनेश शर्मा सहित मंत्रिपरिषद के कई सदस्य, विधायक, कार्पोरेट और मीडिया से जुडी हस्तियाँ, प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार, पत्रकार, कलाकर्मी व खिलाडी इत्यादि उपस्थित रहे. आभार ज्ञापन जी न्यूज उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के संपादक वाशिन्द्र मिश्र ने किया.


-डा. विनय कुमार शर्मा
प्रधान संपादक-संचार बुलेटिन (अंतराष्ट्रीय शोध जर्नल)
448/119/76, कल्याणपुरी, ठाकुरगंज, चैक, लखनऊ-226003

गुरुवार, सितंबर 20, 2012

साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा द्वारा कृष्ण कुमार यादव को 11,000 रुपये की राशि का ’’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान-2012’’



युवा साहित्यकार व चर्चित ब्लागर एवं सम्प्रति इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव को राजस्थान की प्रसिद्ध साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिणक संस्था साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा द्वारा हिन्दी दिवस (14 सितम्बर) पर विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु ’’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान-2012’’ से सम्मानित किया गया। वैदिक क्रांति परिषद परिवार, देहरादून द्वारा साहित्यानुरागी, निस्पृह समाजसेवी, आर्यनेत्री एवं वैदिक क्रांति परिषद की संस्थापक स्वर्गीया श्रीमती सरस्वती सिंह की पावन स्मृति में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले इस प्रतिष्ठित सम्मान के तहत श्री यादव को 11,000/- रुपये की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र, शाल व अन्य मानद वस्तुएं प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी मंच पर साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा के अध्यक्ष श्री नरहरि ठाकर एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग व साहित्य-मण्डल, श्रीनाथद्वारा के सभापति श्री भगवती प्रसाद देवपुरा ने कृष्ण कुमार यादव को उच्च पदस्थ अधिकारी, सहृदय कवि एवं श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में सारस्वत सम्मान करते हुए भगवान श्रीनाथ का सुशोभित चित्र एवं अभिनन्दन पत्र भी भेंट किया। इस अवसर पर श्री यादव के साथ-साथ वरिष्ठ साहित्यकार प्रो0 सूर्य प्रसाद दीक्षित (लखनऊ), सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य लेखक प्रेम जनमेजय (नई दिल्ली), वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य डा0 राम गोपाल शर्मा (नोयडा), भारतेन्द्रु परिवार के प्रपौत्र व भूगर्भ शास्त्र अध्येयता प्रो0 गिरीश चन्द्र चैधरी (वाराणसी) को भी सम्मानित किया गया। यह जानकारी साहित्य-मंडल, श्रीनाथद्वारा के श्री श्याम देवपुरा ने दी। गौरतलब है कि श्री यादव को हाल ही में विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि एवं परिकल्पना समूह द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ’’दशक के श्रेष्ठ दंपत्ति ब्लागर’’ के रूप में सम्मानित किया गया है।

सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लागिंग के क्षेत्र में भी चर्चित नाम श्री कृष्ण कुमार यादव की रचनाधर्मिता को देश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में देखा-पढ़ा जा सकता हैं। विभिन्न विधाओं में अनवरत प्रकाशित होने वाले श्री यादव की अब तक कुल 6 पुस्तकें-'अभिलाषा' (काव्य-संग्रह, 2005) 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह, 2006 व 2007), 'इण्डिया पोस्ट : 150 ग्लोरियस ईअर्स' (2006), 'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (2007) एवं 'जंगल में क्रिकेट' (बाल गीत संग्रह, 2012 ) प्रकाशित हो चुकी हैं। व्यक्तिश: 'शब्द-सृजन की ओर' और 'डाकिया डाक लाया' एवं युगल रूप में सप्तरंगी प्रेम, उत्सव के रंग और बाल-दुनिया ब्लॉग का सञ्चालन करने वाले श्री यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं0 डा0 दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी है। पचास से अधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों/संकलनों में विभिन्न विधाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व ‘सरस्वती सुमन‘ (देहरादून) पत्रिका के लघु-कथा विशेषांक (जुलाई-सितम्बर, 2011) का संपादन भी आपने किया है। आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर व पोर्टब्लेयर और दूरदर्शन से आपकी कविताएँ, वार्ता, साक्षात्कार इत्यादि का प्रसारण हो चुका हैं।

इससे पूर्व श्री कृष्ण कुमार यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’महात्मा ज्योतिबा फुले फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘ व ‘’डा0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”काव्य शिरोमणि” एवं ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान‘‘, ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, मेधाश्रम संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘सरस्वती पुत्र‘‘, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा 50 से ज्यादा सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।

गुरुवार, अगस्त 09, 2012

'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' का सम्मान आकांक्षा-कृष्ण कुमार यादव को

ब्लागिंग के क्षेत्र को निरंतर समृद्ध करने के मद्देनजर चर्चित साहित्यकार और ब्लागर कृष्ण कुमार यादव एवं आकांक्षा यादव को 'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' का सम्मान प्रदान किए जाने हेतु चयनित किया गया है। परिकल्पना समूह की तरफ से अन्तराष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले इस सम्मान के तहत हिंदी ब्लोगिंग में दशक के सर्वाधिक चर्चित पाँच ब्लागर और पाँच ब्लॉग के साथ-साथ दशक के श्रेष्ठ चर्चित ब्लोगर दंपत्ति के रूप में कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव का चयन किया गया है. मूलत: आजमगढ़ जनपद निवासी श्री यादव वर्तमान में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. गौरतलब है कि परिकल्पना के माध्यम से चर्चित ब्लागर रवीन्द्र प्रभात जहाँ तमाम ब्लॉगों का सम्यक विश्लेषण कर रहे हैं,वही पिछले वर्ष से ही उन्होंने वर्ष के श्रेष्ट ब्लागरों को सम्मानित भी करना आरंभ किया है. इसी कड़ी में इस बार 'दशक' की उपलब्धियों वाले ब्लागर भी सम्मानित किये जा रहे हैं, जो कि ब्लागिंग के क्षेत्र में एक नायब और अनूठा प्रयोग होया.

'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' हेतु चयनित कृष्ण कुमार यादव जहाँ 'शब्द-सृजन की ओर' और 'डाकिया डाक लाया' ब्लॉग के माध्यम से सक्रिय हैं, वहीँ आकांक्षा यादव 'शब्द-शिखर' ब्लॉग के माध्यम से. इसके अलावा इस युगल-दंपत्ति द्वारा सप्तरंगी प्रेम, बाल-दुनिया और उत्सव के रंग ब्लॉगों का भी युगल सञ्चालन किया जाता है. उपरोक्त सम्मान की घोषणा करते हुए संयोजकों ने लिखा कि- ''कृष्ण कुमार यादव ने 'डाकिया डाक लाया' ब्लॉग के माध्यम से डाक विभाग की सुखद अनुभूतियों से पाठकों को रूबरू कराने का बीड़ा उठाया तो आकांक्षा यादव ने 'शब्द-शिखर' के माध्यम से साहित्य के विभिन्न आयामों से रूबरू कराने का। एक स्वर है तो दूसरी साधना। हिन्दी ब्लोगजगत में जूनून की हद तक सक्रिय इस ब्लॉगर दंपति ने हिंदी ब्लागिंग को कई नए आयाम दिए हैं.''

गौरतलब है कि यादव दम्पति की सुपुत्री अक्षिता (पाखी) को पिछले साल हिंदी भवन, नई दिल्ली में 'श्रेष्ठ नन्हीं ब्लागर' सम्मान से सम्मानित किया गया था तो 14 नवम्बर, 2012 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में भारत सरकार द्वारा अक्षिता को आर्ट और ब्लागिंग के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' भी प्रदान किया गया. मात्र साढ़े चार साल की उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त कर अक्षिता ने जहाँ भारत की सबसे कम उम्र की बाल पुरस्कार विजेता होने का सौभाग्य प्राप्त किया, वहीँ पहली बार भारत सरकार द्वारा किसी ब्लागर को कोई राजकीय सम्मान दिया गया. फ़िलहाल अक्षिता गर्ल्स हाई स्कूल, इलाहाबाद में प्रेप में पढ़ती है. अक्षिता के ब्लॉग का नाम है- पाखी की दुनिया.


परिकल्पना दशक का ब्लॉगर सम्मान के तहत सम्मानित होने वाले ब्लागर हैं - पूर्णिमा वर्मन(शरजाह, यू ए ई), समीर लाल समीर(ओटरियों, कनाडा), रवि रतलामी (भोपाल, म.प्र.), रश्मि प्रभा (पुणे, महाराष्ट्र), एवं अविनाश वाचस्पति (नयी दिल्ली). इसके अलावा पञ्च चयनित श्रेष्ठ ब्लॉगों के संचालकों को भी सम्मानित किया जायेगा.(परिकल्पना ब्लॉग दशक सम्मान-2012 की पूरी सूची हेतु क्लिक करें)


उपरोक्त सम्मान दिनांक 27 अगस्त 2012 को लखनऊ के क़ैसर बाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन मे प्रदान किया जायेगा. इस अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन का आयोजन तस्लीम व परिकल्पना समूह कर रहा है । इस समारोह में देश व विदेश के तमाम चर्चित ब्लॉगर जुटेंगे और नए मीडिया जैसे कि ब्लॉग, वेबसाईट, वेब पोर्टल,सोशल नेटवर्किंग साइट इत्यादि के सामाजिक सरोकार पर भी बात करेंगे ।

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(उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभिन्न समाचार-पत्रों में इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के कृष्ण कुमार यादव-आकांक्षा यादव को 'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दंपति' हेतु चयनित किये जाने पर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित हुए हैं, उनकी एक झलक)



















मंगलवार, मई 08, 2012

कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव के बाल-गीत संग्रहों का विमोचन



युगल दंपत्ति एवं चर्चित साहित्यकार व ब्लागर कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव के बाल-गीत संग्रह 'जंगल में क्रिकेट' एवं 'चाँद पर पानी' का विमोचन पूर्व राज्यपाल डा. भीष्म नारायण सिंह और डा. रत्नाकर पाण्डेय (पूर्व सांसद) ने राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास एवं भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में 27 अप्रैल, 2012 को किया. उद्योग नगर प्रकाशन, गाजियाबाद द्वारा प्रकाशित इन दोनों बाल-गीत संग्रहों में कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव के 30 -30 बाल-गीत संगृहीत हैं.

इस अवसर पर दोनों संग्रहों का विमोचन करते हुए अपने उद्बोधन में पूर्व राज्यपाल डा. भीष्म नारायण सिंह ने युगल दम्पति की हिंदी साहित्य के प्रति समर्पण की सराहना की. उन्होंने कहा कि बाल-साहित्य बच्चों में स्वस्थ संस्कार रोपता है, अत: इसे बढ़ावा दिए जाने क़ी जरुरत है. पूर्व सांसद डा. रत्नाकर पाण्डेय ने युवा पीढ़ी में साहित्य के प्रति बढती अरुचि पर चिंता जताते हुए कहा कि, यह प्रसन्नता का विषय है कि भारतीय डाक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी होते हुए भी श्री यादव अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं और यह बात उनकी कविताओं में भी झलकती है. युगल दम्पति के बाल-गीत संग्रह क़ी प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आज का बचपन है और बीते कल का भी और यही बात इन संग्रह को महत्वपूर्ण बनाती है.


कार्यक्रम में राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास के संयोजक डा. उमाशंकर मिश्र ने कहा कि यदि युगल दंपत्ति आज यहाँ उपस्थित रहते तो कार्यक्रम कि रौनक और भी बढ़ जाती. गौरतलब है कि अपनी पूर्व व्यस्तताओं के चलते यादव दंपत्ति इस कार्यक्रम में शरीक न हो सके. आभार ज्ञापन उद्योग नगर प्रकाशन के विकास मिश्र द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में तमाम साहित्यकार, बुद्धिजीवी, पत्रकार इत्यादि उपस्थित थे.

- रत्नेश कुमार मौर्या
संयोजक- 'शब्द-साहित्य'
म्योराबाद, इलाहाबाद.
mauryark@indiatimes.com
http://shabdasahitya.blogspot.in/

रविवार, मार्च 25, 2012

हिंदी ब्लागिंग की नन्ही परी अक्षिता (पाखी) : तुम जियो हजारों साल

आज हिंदी की नन्हीं ब्लागर अक्षिता का जन्म-दिन है. ब्लागिंग जगत में अक्षिता अब किसी परिचय का मोहताज नहीं रही, आखिर ब्लागिंग के लिए उसे भारत सरकार द्वारा सर्वप्रथम सरकारी सम्मान से नवाजा जा चुका है, वहीँ भारत में सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने का श्रेय भी अक्षिता के खाते में दर्ज है. चर्चित बाल विज्ञानं पत्रिका चकमक ने फरवरी-२०१२ अंक में अक्षिता का सुन्दर सा शिशु-गीत भी प्रकाशित किया है तो आकाशवाणी पोर्टब्लेयर से उसका साक्षात्कार भी भी प्रसारित हो चुका है. ऐसी ही तमाम उपलब्धियों से सुवासित इस नन्हीं सी परी का आज (25 मार्च) जन्म-दिन है.


अक्षिता को जन्म-दिन पर ढेरों बधाइयाँ, प्यार और आशीर्वाद.
तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हों पचास हजार !!

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नाम-अक्षिता (पाखी)
जन्म- 25 मार्च, 2007 (कानपुर)
मूल निवास - तहबरपुर, आजमगढ़ (यू.पी.)
मम्मी-पापा - श्रीमती आकांक्षा श्री कृष्ण कुमार यादव
अध्ययनरत - के. जी.-II,
रुचियाँ- ड्राइंग, डांसिंग, प्लेयिंग.

प्रकाशन- इंटरनेट पर ब्लागोत्सव-2010, बाल-दुनिया, नन्हा-मन, सरस पायस, ताऊजी डाट काम, युवा-मन इत्यादि एवं चकमक, टाबर टोली, अनंता, सांवली इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में ड्राइंग/रचनात्मक अभिव्यक्ति का प्रकाशन.

प्रसारण- आकाशवाणी पोर्टब्लेयर से ‘बाल-जगत’ कार्यक्रम में प्रसारण.

ब्लॉग :‘पाखी की दुनिया’ का 24 जून, 2009 को आरंभ. इसमें अक्षिता (पाखी) की ड्राइंग, क्रिएटिविटी, फोटो, परिवार और स्कूल की बातें, घूमना-फिरना, बाल-गीत सहित बहुत कुछ शामिल है. 82 से ज्यादा देशों में अब तक देखे/पढ़े जाने वाली ‘पाखी की दुनिया’ का 200 से ज्यादा लोग अनुसरण करते हैं. 235 से ज्यादा प्रविष्टियों से सुसज्जित इस ब्लॉग को 36,500 से ज्यादा लोगों ने पढ़ा/देखा है. दिल्ली से प्रकाशित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय हिंदी दैनिक ‘हिन्दुस्तान‘ के अनुसार-‘अक्षिता की उम्र तो बेहद कम है, लेकिन हिन्दी ब्लागिंग में वो एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी है। अक्षिता का ब्लाग बेहद पापुलर है और फिलहाल हिन्दी के टाॅप 100 ब्लॉगों में से एक है।'

विशेष -राजस्थान के वरिष्ठ बाल-साहित्यकार दीन दयाल शर्मा द्वारा अपनी पुस्तक ‘चूं-चूं’ के कवर-पेज पर अक्षिता (पाखी) की फोटो का अंकन. दीन दयाल शर्मा, रावेन्द्र कुमार ‘रवि’, डॉ. नागेश पांडेय ‘संजय’, एस. आर. भारती, डा. दुर्गाचरण मिश्र, द्वारा अक्षिता (पाखी) पर केन्द्रित बाल-गीतों/कविता की रचना.

सम्मान- ब्लागोत्सव -2010 में प्रकाशित रचनाओं की श्रेष्ठता के आधार पर “वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही ब्लागर ” के रूप में सम्मानित. हिंदी साहित्य निकेतन, परिकल्पना डॉट कॉम और नुक्कड़ डॉट कॉम की त्रिवेणी द्वारा हिंदी भवन, नई दिल्ली में 30 अप्रैल, 2011 को आयोजित अन्तराष्ट्रीय ब्लाॅगर्स सम्मलेन में श्रेष्ठ नन्हीं ब्लाॅगर हेतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डा0 रमेश पोखरियाल ”निशंक” द्वारा ”हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना सम्मान-2010” अवार्ड.

बाल दिवस, 14 नवम्बर, 2011 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011 से पुरस्कृत किया. अक्षिता इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की प्रतिभा है. यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया.

पत्र-पत्रिकाओं में चर्चा-दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, शुक्रवार, टाबर टोली, नेशनल एक्सप्रेस, नवोदित स्वर, बाल साहित्य समीक्षा, बुलंद इण्डिया, शुभ्र ज्योत्स्ना, सांवली, सत्य चक्र, इसमासो, हिंद क्रांति, दि मारल, अयोध्या संवाद, अंडमान-निकोबार द्वीप समाचार, The Indian Express, The Echo of India, The Daily Telegrams, Andaman Sheekha, Andaman Express, Aspect इत्यादि तमाम पत्र-पत्रिकाओं में अक्षिता और ब्लॉग ‘पाखी की दुनिया’ की चर्चा.

अंतर्जाल पर चर्चा- हिंदी मीडिया.इन, स्वतंत्र आवाज़.काम, परिकल्पना, स्वर्गविभा, क्रिएटिव मंच-Creative Manch, बचपन, सरस पायस, बाल-दुनिया, बचपन, शब्द-साहित्य, रैन बसेरा, यदुकुल, Journalist Today, Akhtar Khan Akela इत्यादि तमाम वेब-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर चर्चा.

संपर्क - पुत्री- श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवा, इलाहाबाद परिक्षेत्र, इलाहाबाद-211001

ई-मेल- akshita_06@rediffmail.com

ब्लॉग- http://www.pakhi-akshita.blogspot.com/ (पाखी की दुनिया)

शुक्रवार, मार्च 23, 2012

इलाहाबाद परिक्षेत्र के डाक-निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने जारी किया भारतीय स्टेट बैंक पर विशेष-आवरण (डाक-लिफाफा)

भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद शाखा के 150वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर इलाहाबाद परिक्षेत्र के नवनियुक्त निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने एक विशेष-आवरण (डाक-लिफाफा) जारी किया. इस विशेष डाक आवरण का मूल्य पाँच रूपये है. भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद के प्रांगण में 17 मार्च, 2012 को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने यह विशिष्ट आवरण जारी किया. इस आवरण को रिमोट सेंसिंग के माध्यम से भी जारी किया गया. इस विशिष्ट आवरण को श्री यादव ने भारतीय स्टेट बैंक के उत्तर प्रदेश के चीफ जनरल मैनेजर श्री के. रामचंद्रन को प्रदान कर इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं. कार्यक्रम के आरंभ में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव, भारतीय स्टेट बैंक के उत्तर प्रदेश के चीफ जनरल मैनेजर श्री के. रामचंद्रन, इलाहाबाद के उप पुलिस महानिरीक्षक श्री डी. प्रकाश इत्यादि ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने आपने संबोधन में कहा कि डाक विभाग ऐसे अवसरों को न सिर्फ खूबसूरती से संजोता है, बल्कि उन्हें इतिहास में भी सुरक्षित रखता है. उन्होंने डाक टिकट संग्रह के बारे में भी लोगों को बदलते आयामों के साथ परिचित कराया. भारतीय स्टेट बैंक के उत्तर प्रदेश के चीफ जनरल मैनेजर श्री के. रामचंद्रन ने आपने संबोधन में डाक-विभाग और श्री यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दिन एक ऐतिहासिक दिन है और बैंक की गरिमा में भी वृद्धि करता है. कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने इस विशेष आवरण के प्रति उत्साह दिखाया और फिलेटलिस्टों ने जमकर इसकी खरीददारी भी की. विशेष आवरण पर अधिकारियों के हस्ताक्षर लेने के लिए फिलेटलिस्टों और युवाओं में काफी क्रेज देखा गया.

शनिवार, मार्च 03, 2012

कृष्ण कुमार यादव बने इलाहाबाद रीजन के नए निदेशक डाक सेवाएं

भारतीय डाक सेवा के अधिकारी कृष्ण कुमार यादव ने इलाहाबाद रीजन के नए निदेशक डाक सेवाएँ के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है. साहित्य, लेखन और ब्लागिंग में अभिरुचि रखने वाले श्री यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक हैं. मूलत: तहबरपुर, आजमगढ़ के निवासी श्री यादव वर्ष 2001 बैच के अधिकारी हैं. इससे पूर्व आप सूरत, लखनऊ, कानपुर और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं. इलाहाबाद में नियुक्ति से पूर्व कृष्ण कुमार यादव अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ थे. गौरतलब है कि इलाहाबाद रीजन, उत्तर प्रदेश परिमंडल का सबसे बड़ा डाक-रीजन है, जिसके अंतर्गत इलाहाबाद, कौशाम्बी, जौनपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर और सोनभद्र जनपद आते हैं. इलाहाबाद में निदेशक डाक सेवाएँ का पद कई महीनों से खाली चलने के चलते आम जनता के साथ विभागीय गतिविधियाँ भी काफी प्रभावित हो रही थीं. यही नहीं पिछले माह यहाँ के पोस्टमास्टर जनरल की पदोन्नति पश्चात् इलाहाबाद रीजन मुख्यालय में शून्य की स्थिति पैदा हो गई थी. ऐसे में तेज-तर्रार और ईमानदार छवि के लिए मशहूर कृष्ण कुमार यादव की नियुक्ति इलाहाबाद रीजन में डाक सम्बंधित गतिविधियों को नए आयाम देगी. श्री यादव के पास गोरखपुर रीजन के निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार है, ऐसे में उनसे लोगों की आशाएं भी काफी बढ़ गई हैं.


सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लागिंग के क्षेत्र में भी चर्चित नाम श्री कृष्ण कुमार यादव की रचनाधर्मिता को देश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में देखा-पढ़ा जा सकता हैं। विभिन्न विधाओं में अनवरत प्रकाशित होने वाले श्री यादव की अब तक कुल 5 पुस्तकें- अभिलाषा (काव्य-संग्रह-2005), 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह-2006 व 2007), India Post : 150 Glorious Years (2006) एवं 'क्रांति -यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (2007) प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा. राष्ट्रबन्धु द्वारा श्री यादव के व्यक्तित्व व कृतित्व पर ‘‘बाल साहित्य समीक्षा‘‘ पत्रिका का विशेषांक जारी किया गया है तो इलाहाबाद से प्रकाशित ‘‘गुफ्तगू‘‘ पत्रिका ने भी श्री यादव के ऊपर परिशिष्ट अंक जारी किया है। आपके व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं. डा. दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी है। पचास से अधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों/संकलनों में विभिन्न विधाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व ‘सरस्वती सुमन‘ (देहरादून) पत्रिका के लघु-कथा विशेषांक (जुलाई-सितम्बर, 2011) का संपादन भी आपने किया है। आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर व पोर्टब्लेयर और दूरदर्शन से आपकी कविताएँ, वार्ता, साक्षात्कार इत्यादि का प्रसारण हो चुका हैं।


श्री कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और व्यक्तिगत रूप से शब्द सृजन की ओर (www.kkyadav.blogspot.com) व डाकिया डाक लाया (www.dakbabu.blogspot.com) और युगल रूप में ‘बाल-दुनिया’ ,‘सप्तरंगी प्रेम’ ‘उत्सव के रंग’ ब्लॉगों के माध्यम से सक्रिय हैं। विभिन्न वेब पत्रिकाओं, ई पत्रिकाओं, और ब्लॉग पर प्रकाशित होने वाले श्री यादव की इंटरनेट पर ’कविता कोश’ में भी काव्य-रचनाएँ संकलित हैं।


विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त श्री यादव की इलाहाबाद में नियुक्ति से इलाहाबाद से जुड़े साहित्यकारों और ब्लागरों में भी काफी हर्ष है !!

मंगलवार, फ़रवरी 07, 2012

अंडमान के साहित्यकारों-बुद्धिजीवियों ने दी कृष्ण कुमार यादव को भावभीनी विदाई

चर्चित साहित्यकार, लेखक और ब्लागर कृष्ण कुमार यादव के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से इलाहाबाद में निदेशक डाक सेवाएँ पद पर स्थानांतरित होकर जाने से पूर्व 6 फरवरी, 2012 को पोर्टब्लेयर में भव्य अभिनन्दन और विदाई समारोह आयोजित किया गया. टैगोर राजकीय शिक्षा महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में तमाम विद्वतजनों, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े लोगों ने श्री यादव के कार्यकाल को सराहा और एक साहित्यकार के रूप में उनके प्रखर योगदान को रेखांकित किया. 'चेतना' सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्था द्वारा श्री यादव को संस्था की मानद सदस्यता से विभूषित कर आशा की गई कि वे जहाँ भी रहेंगें, अंडमान-निकोबार से अपना लगाव बनाये रखेंगें.

कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए जवाहर लाल नेहरु राजकीय महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर में राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डा. आर. एन. रथ ने कहा कि प्रशासन के साथ-साथ साहित्यिक दायित्वों का निर्वहन बेहद जटिल कार्य है पर श्री कृष्ण कुमार यादव ने अल्प समय में ही अंडमान में अपने कार्य-कलापों से विशिष्ट पहचान बनाई है. उन्होंने अपने रचनात्मक अवदान से द्वीपों में चल रही गतिविधियों को मुख्य भूमि से जोड़ा और यहाँ के ऐतिहासिक व प्राकृतिक परिवेश, सेलुलर जेल, आदिवासी, द्वीपों में समृद्ध होती हिंदी इत्यादि तमाम विषयों पर न सिर्फ प्रखरता से लेखनी चलाई बल्कि उसे तमाम राष्ट्रीय-अन्तराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं और इंटरनेट पर प्रसारित कर यहाँ के सम्बन्ध में लोगों को रु-ब-रु कराया. श्री यादव के साथ-साथ जिस तरह से इनकी पत्नी श्रीमती आकांक्षा यादव ने नारी-विमर्श को लेकर कलम चलाई है, ऐसा युगल विरले ही देखने को मिलता है. आकाशवाणी के पूर्व निदेशक श्री एम्.एच. खान ने अपने संबोधन में कहा कि जिस प्रकार से बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी श्री यादव अपनी प्रशासनिक व्यस्तताओं के मध्य साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं, वह नई पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है. आकाशवाणी, पोर्टब्लेयर के उप निदेशक (समाचार) श्री दुर्गा विजय सिंह 'दीप' ने उन तमाम गतिविधियों को रेखांकित किया, जो श्री यादव ने द्वीपों में निदेशक के पद पर अधीन रहने के दौरान किया. डाकघरों का कम्प्यूटरीकरण और उन्हें प्रोजेक्ट एरो के अधीन लाना, डाक-कर्मियों हेतु प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना, डाकघर से 'आधार' के तहत नामांकन, अंडमान के साथ-साथ सुदूर निकोबार में आदिवासियों के बीच जाकर उन्हें बचत और बीमा सेवाओं के प्रति जागरूक करना और उनके खाते खुलवाना, स्कूली बच्चों को पत्र-लेखन से जोड़ने के लिए तमाम रचनात्मक पहल और उन्हें डाक-टिकटों के प्रति आकर्षित करने के लिए तमाम कार्यशालों का आयोजन इत्यादि ऐसे तमाम पहलू रहे, जहाँ निदेशक के रूप में श्री यादव के प्रयास को न सिर्फ आम-जन ने सराहा बल्कि मीडिया ने भी नोटिस लिया. उन्होंने श्री यादव के सपरिवार साहित्यिक जगत में सक्रिय होने और आकाशवाणी पर निरंतर कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने के लिए भी सराहा. 'चेतना' संस्था के महासचिव श्री घनश्याम सिंह ने श्री कृष्ण कुमार यादव के 'चेतना' सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था से लगाव पर सुखद हर्ष व्यक्त किया और कहा कि उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण से हमारे कार्यक्रमों को नई दिशा मिली. चर्चित कवयित्री और प्रशासन में सहायक निदेशक श्रीमती डी. एम. सावित्री ने श्री कृष्ण कुमार यादव को एक संवेदनशील व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि वे अधिकारी से पहले एक अच्छे व्यक्ति हैं और यही उन्हें विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु प्रेरित भी करती है. यह एक सुखद संयोग है कि उनके पीछे विदुषी पत्नी आकांक्षा यादव जी का सहयोग सदा बना रहता है. पोर्टब्लेयर नगर पालिका परिषद् के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री के. गणेशन ने कहा कि अपने निष्पक्ष, स्पष्टवादी, साहसी व निर्भीक स्वभाव के कारण प्रसिद्ध श्री यादव जहाँ कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारी की भूमिका अदा कर रहे हैं, वहीं एक साहित्य साधक एवं सशक्त रचनाधर्मी के रूप में भी अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समाचार के प्रधान संपादक श्री राम प्रसाद ने श्री यादव को भावभीनी विदाई देते हुए कहा कि कम समय में ज्यादा उपलब्धियों को समेटे श्री यादव न सिर्फ एक चर्चित अधिकारी हैं बल्कि साहित्य-कला को समाज में उचित स्थान दिलाने के लिए कटिबद्ध भी दिखते हैं। यह देखकर सुखद अनुभूति होती है कि कृष्ण कुमार यादव जी का पूरा परिवार ही साहित्य और संस्कृति के संवर्धन में तल्लीन है. श्रीमती आकांक्षा यादव जहाँ साहित्य और ब्लागिंग में भी उनकी संगिनी हैं, वहीँ इनकी सुपुत्री अक्षिता (पाखी) ने सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011 प्राप्त कर अंडमान-निकोबार का नाम राष्ट्रीय स्तर पर भी गौरवान्वित किया है. अंडमान चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष श्री हरि नारायण अरोड़ा ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर किया कि श्री यादव आम जनता के लिए सदैव सुलभ रहते हैं और यही उन्हें एक लोकप्रिय अधिकारी भी बनाती है. प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इण्डिया के राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने आशा व्यक्त की कि श्री यादव जैसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के चलते लोगों का साहित्य प्रेम बना रहेगा। अनिड्को के प्रबंधक हेमंत ने कहा कि प्रशासन में अभिनव प्रयोग करने में सिद्धस्त श्री यादव बाधाओं को भी चुनौतियों के रूप में स्वीकारते हैं और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है.

अपने भावभीनी विदाई समारोह से अभिभूत श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस अवसर पर कहा कि अंडमान में उनका यह कार्यकाल बहुत खूबसूरत रहा, इसके बहाने ऐसी तमाम बातों और पहलुओं से रु-ब-रु होने का अवसर मिला, जिनके बारे में मात्र पढ़ा ही था. इस दौरान यहाँ से बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। श्री यादव ने कहा कि यहाँ के परिवेश में न सिर्फ मेरी सृजनात्मकता में वृद्धि की बल्कि उन्नति की राह भी दिखाई। उन्होंने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में अपने अनुभवों और यहाँ के जन-जीवन पर एक पुस्तक लिखने की भी इच्छा जताई. श्री यादव ने कहा कि वे विभागीय रूप में भले ही यहाँ से जा रहे हैं पर यहाँ के लोगों और अंडमान से उनका भावनात्मक संबंध हमेशा बना रहेगा।

इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें सर्वश्री घनश्याम सिंह, मकसूद आलम, अनिरुद्ध पांडे, अरविंद त्रिपाठी, श्रीमती डी.एम. सावित्री, श्री दुर्ग विजय सिंह ‘दीप’ इत्यादि ने अपनी अपनी कविताएं पढ़ी। श्री कृष्ण कुमार यादव ने भी अपनी कविताओं और हाइकु से लोगों का मन मोहा. अंडमान के आदिवासियों पर आधारित उनकी कविता ने लोगों को बड़ा प्रभावित किया ।

कार्यक्रम का सञ्चालन श्री अशोक सिंह और आभार-ज्ञापन श्री नीरज बैद्य द्वारा किया गया.

- दुर्ग विजय सिंह 'दीप'
उप निदेशक- आकाशवाणी (समाचार)
पोर्टब्लेयर, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह.

मंगलवार, जनवरी 17, 2012

विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट

विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के सोलहवें महाधिवेशन (13-14 दिसंबर, 2011)में युवा कवयित्री, साहित्यकार एवं चर्चित ब्लागर आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की उपाधि से विभूषित किया गया। आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट की इस उपाधि के लिए उनकी सुदीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना, शैक्षिक प्रदेयों, राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में महनीय शोधपरक लेखन के द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा के आधार पर अधिकृत किया गया। उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में उज्जैन विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह उपाधि प्रदान की।

गौरतलब है कि आकांक्षा यादव की रचनाएँ देश-विदेश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली आकांक्षा यादव के लेख, कवितायें और लघुकथाएं जहाँ तमाम संकलनों /पुस्तकों की शोभा बढ़ा रहे हैं, वहीं आपकी तमाम रचनाएँ आकाशवाणी से भी तरंगित हुई हैं। पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ इंटरनेट पर भी सक्रिय आकांक्षा यादव की रचनाएँ तमाम वेब/ई-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर भी पढ़ी-देखी जा सकती हैं। व्यक्तिगत रूप से ‘शब्द-शिखर’(http://shabdshikhar.blogspot.com) और युगल रूप में ‘बाल-दुनिया’ (http://balduniya.blogspot.com),‘सप्तरंगी प्रेम’ (http://saptrangiprem.blogspot.com) व ‘उत्सव के रंग’ (http://utsavkerang.blogspot.com) ब्लॉग का संचालन करने वाली आकांक्षा यादव न सिर्फ एक साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं, बल्कि सक्रिय ब्लागर के रूप में भी उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। ’क्रांति-यज्ञ: 1857-1947 की गाथा‘ पुस्तक का कृष्ण कुमार यादव के साथ संपादन करने वाली आकांक्षा यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डा0 राष्ट्रबन्धु ने ‘बाल साहित्य समीक्षा‘ पत्रिका का एक अंक भी विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।

मूलतः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और गाजीपुर जनपद की निवासी आकांक्षा यादव वर्तमान में अपने पतिदेव श्री कृष्ण कुमार यादव के साथ अंडमान-निकोबार में रह रही हैं और वहां रहकर भी हिंदी को समृद्ध कर रही हैं। श्री यादव भी हिंदी की युवा पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं और सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं। एक रचनाकार के रूप में बात करें तो आकांक्षा यादव ने बहुत ही खुले नजरिये से संवेदना के मानवीय धरातल पर जाकर अपनी रचनाओं का विस्तार किया है। बिना लाग लपेट के सुलभ भाव भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें यही आपकी लेखनी की शक्ति है। उनकी रचनाओं में जहाँ जीवंतता है, वहीं उसे सामाजिक संस्कार भी दिया है।

इससे पूर्व भी आकांक्षा यादव को विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, ‘एस0एम0एस0‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार, इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा ‘साहित्य गौरव‘ व ‘काव्य मर्मज्ञ‘, श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति साहित्यमाला, कानपुर द्वारा ‘साहित्य श्री सम्मान‘, मथुरा की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘आसरा‘ द्वारा ‘ब्रज-शिरोमणि‘ सम्मान, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ द्वारा ‘साहित्य मनीषी सम्मान‘ व ‘भाषा भारती रत्न‘, छत्तीसगढ़ शिक्षक-साहित्यकार मंच द्वारा ‘साहित्य सेवा सम्मान‘, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़ द्वारा ‘देवभूमि साहित्य रत्न‘, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना द्वारा ‘उजास सम्मान‘, ऋचा रचनाकार परिषद, कटनी द्वारा ‘भारत गौरव‘, अभिव्यंजना संस्था, कानपुर द्वारा ‘काव्य-कुमुद‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘शब्द माधुरी‘, महिमा प्रकाशन, दुर्ग-छत्तीसगढ द्वारा ’महिमा साहित्य भूषण सम्मान’, अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था,ठाणे, महाराष्ट्र द्वारा ‘सरस्वती रत्न‘, अन्तज्र्योति सेवा संस्थान गोला-गोकर्णनाथ, खीरी द्वारा ’श्रेष्ठ कवयित्री’ की मानद उपाधि, जीवी प्रकाशन, जालंधर द्वारा ’राष्ट्रीय भाषा रत्न’ इत्यादि शामिल हैं।

विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों में कार्यरत हिन्दी सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान, शिक्षक-साहित्यकार, पुरातत्वविद्, इतिहासकार, पत्रकार और जन-प्रतिनिधि शामिल थे। उक्त जानकारी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के कुल सचिव डा. देवेंद्र नाथ साह ने दी।

मंगलवार, जनवरी 03, 2012

कृष्ण कुमार यादव को विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा ’विद्यावाचस्पति’ की मानद उपाधि

विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के सोलहवें महाधिवेशन (13-14 दिसंबर 2011) में युवा साहित्यकार एवं भारतीय डाक सेवा के अधिकारी श्री कृष्ण कुमार यादव को ’विद्यावाचस्पति’ की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। श्री यादव को यह उपाधि उनकी साहित्यिक रचनाशीलता एवं हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदान किया गया। उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में उज्जैन विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह उपाधि प्रदान की। श्री कृष्ण कुमार यादव वर्तमान में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर कार्यरत हैं ।

सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लागिंग के क्षेत्र में भी चर्चित नाम श्री कृष्ण कुमार यादव की रचनाधर्मिता को देश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में देखा-पढ़ा जा सकता हैं। विभिन्न विधाओं में अनवरत प्रकाशित होने वाले श्री यादव की अब तक कुल 5 पुस्तकें- अभिलाषा (काव्य-संग्रह-2005), 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह-2006 व 2007), India Post : 150 Glorious Years (2006) एवं 'क्रांति -यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (2007) प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा. राष्ट्रबन्धु द्वारा श्री यादव के व्यक्तित्व व कृतित्व पर ‘‘बाल साहित्य समीक्षा‘‘ पत्रिका का विशेषांक जारी किया गया है तो इलाहाबाद से प्रकाशित ‘‘गुफ्तगू‘‘ पत्रिका ने भी श्री यादव के ऊपर परिशिष्ट अंक जारी किया है। आपके व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं. डा. दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी है। पचास से अधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों/संकलनों में विभिन्न विधाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व ‘सरस्वती सुमन‘ (देहरादून) पत्रिका के लघु-कथा विशेषांक (जुलाई-सितम्बर, 2011) का संपादन भी आपने किया है। आकाशवाणी लखनऊ, कानपुर व पोर्टब्लेयर और दूरदर्शन से आपकी कविताएँ, वार्ता, साक्षात्कार इत्यादि का प्रसारण हो चुका हैं।

श्री कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और व्यक्तिगत रूप से शब्द सृजन की ओर (www.kkyadav.blogspot.com) व डाकिया डाक लाया (www.dakbabu.blogspot.com) और युगल रूप में ‘बाल-दुनिया’ ,‘सप्तरंगी प्रेम’ ‘उत्सव के रंग’ ब्लॉगों के माध्यम से सक्रिय हैं। विभिन्न वेब पत्रिकाओं, ई पत्रिकाओं, और ब्लॉग पर प्रकाशित होने वाले श्री यादव की इंटरनेट पर ’कविता कोश’ में भी काव्य-रचनाएँ संकलित हैं।

इससे पूर्व श्री कृष्ण कुमार यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’महात्मा ज्योतिबा फुले फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘ व ‘’डाॅ0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”काव्य शिरोमणि” एवं ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान‘‘, ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, मेधाश्रम संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘सरस्वती पुत्र‘‘, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु 50 से ज्यादा सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।

विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों में कार्यरत हिन्दी सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान, शिक्षक-साहित्यकार, पुरातत्वविद्, इतिहासकार, पत्रकार और जन-प्रतिनिधि शामिल थे। उक्त जानकारी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के कुल सचिव डा. देवेंद्र नाथ साह ने दी।

सोमवार, जनवरी 02, 2012

नव वर्ष-2012 का अभिनन्दन


*** नव वर्ष-2012 का अभिनन्दन ***