गुरुवार, नवंबर 27, 2008

एक अहसास

जिंदगी एक दरिया की तरह है, जहाँ हर कोई उन्मुक्त लहरों की तरह प्रवाहमान है। इलाहाबाद में संगम तट पर सुबह-सुबह नौका-विहार करना स्वयं में एक सुखद अनुभूति है। ऐसे में यदि आपके समानांतर बत्तखों का झुंड भी तैरता रहे तो यह अनुभूति दुगुनी हो जाती है। इस अहसास को ही यहाँ महसूस करें।